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अमेरिका में 40 साल की बेगुनाही के बाद भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम की नई मुसीबत

सुब्रमण्यम वेदम, जिन्होंने अमेरिका में 40 साल जेल में बिताए, अब एक नई मुसीबत का सामना कर रहे हैं। उनकी बेगुनाही अगस्त 2024 में साबित हुई, लेकिन उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया है। जानें कैसे एक पुराना निर्वासन आदेश उनकी आज़ादी में बाधा बन रहा है और उनके वकील क्या कहते हैं।
 

नई दिल्ली में सुब्रमण्यम वेदम की कहानी


नई दिल्ली: भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम ने अमेरिका की जेल में 40 साल बिताए, जबकि उन पर लगे हत्या के आरोप गलत थे। 1982 में अपने मित्र की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए वेदम की बेगुनाही अगस्त 2024 में साबित हुई, लेकिन उन्हें रिहाई नहीं मिली। अब उन्हें फिर से हिरासत में रखा गया है, क्योंकि 1999 का एक पुराना निर्वासन आदेश लागू हो गया है, जिसके तहत अमेरिकी प्रशासन उन्हें भारत भेजने की योजना बना रहा है।


अमेरिका में बिताया जीवन

64 वर्षीय वेदम का जन्म भारत में हुआ, लेकिन वे केवल 9 महीने की उम्र में अमेरिका चले गए थे और वहीं बड़े हुए। वे कहते हैं, "मैं भारत जाकर क्या करूंगा? मेरा घर और जीवन तो अमेरिका में है।" उनके पिता एक विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञानी थे और मां लाइब्रेरियन थीं।


कैसे पहुंचे सलाखों के पीछे?

वेदम की कहानी 1980 में शुरू हुई, जब वह और उनका दोस्त थॉमस किन्सर ड्रग्स खरीदने गए। उसी दिन किन्सर लापता हो गया और बाद में उसका शव मिला, जिसमें गोली लगी थी। पुलिस ने बिना ठोस सबूत के वेदम को आरोपी बना दिया और 1983 में अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


FBI रिपोर्ट से मिली बेगुनाही

कई वर्षों बाद, उनके वकील गोपाल बालचंद्रन को एफबीआई की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि किन्सर के सिर में जो गोली लगी थी, वह वेदम की बंदूक से नहीं चलाई जा सकती थी। यह रिपोर्ट जूरी को कभी दिखाई नहीं गई। इसी आधार पर अदालत ने अगस्त 2024 में वेदम की दोषसिद्धि रद्द कर दी, जिससे उनकी बेगुनाही साबित हुई।


रिहाई में आ रही बाधाएं

हालांकि, अब उन्हें इमिग्रेशन विभाग ने हिरासत में ले लिया है, क्योंकि उनके खिलाफ एक पुराना निर्वासन आदेश लागू है। वेदम वर्तमान में पेंसिल्वेनिया के इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में हैं। उनके वकील का कहना है कि यह एक और अन्याय है, क्योंकि वेदम न तो भारत के हैं और न ही वहां उनका कोई घर है। मामला अब इमिग्रेशन अपील बोर्ड के पास है, जो तय करेगा कि वेदम को रिहा किया जाएगा या भारत भेजा जाएगा।