×

अमेरिका में 43 साल जेल में रहने वाले भारतीय सुब्रमण्यम वेदम को राहत मिली

सुब्रमण्यम वेदम, जो 43 वर्षों तक अमेरिका में गलत आरोपों के चलते जेल में रहे, को हाल ही में राहत मिली है। दो अदालतों ने उन्हें भारत भेजने पर रोक लगाई है, और मामला अब इमिग्रेशन अपील बोर्ड में जाएगा। वेदम की कहानी में नए सबूतों के आधार पर उनकी सजा रद्द की गई, लेकिन इमिग्रेशन विभाग ने उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया। जानें उनके संघर्ष और परिवार की प्रतिक्रिया के बारे में।
 

सुब्रमण्यम वेदम को मिली राहत

समाचार स्रोत: अमेरिका में 43 वर्षों तक गलत आरोपों के चलते जेल में रहने वाले भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम को हाल ही में महत्वपूर्ण राहत मिली है। दो अलग-अलग अमेरिकी अदालतों ने उन्हें भारत भेजने पर फिलहाल रोक लगा दी है। अब यह मामला इमिग्रेशन अपील बोर्ड में जाएगा, जिसके निर्णय में कुछ महीने लग सकते हैं। 64 वर्षीय वेदम को 3 अक्टूबर 2024 को जेल से रिहा किया गया था।



वे 1980 से अपने सहपाठी थॉमस किंसर की हत्या के झूठे आरोप में कैद थे। बिना किसी ठोस सबूत या गवाह के, उन्हें 1983 और 1988 में दो बार दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हालांकि, अगस्त में एक नया बैलिस्टिक सबूत सामने आया, जिसे अभियोजन पक्ष ने पहले छिपाया था। इस आधार पर अदालत ने वेदम की सजा को रद्द कर दिया।


लेकिन जेल से रिहाई के दिन ही इमिग्रेशन विभाग (ICE) ने उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया और भारत भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। वेदम नौ महीने की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका आए थे, जहां उनके पिता पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। वे अमेरिका के कानूनी स्थायी निवासी हैं। ICE अब उन्हें 40 साल पुराने ड्रग केस के आधार पर डिपोर्ट करना चाहता है। उस समय वे 20 साल के थे और एक LSD सप्लाई केस में ‘नो-कॉन्टेस्ट’ का प्लिया किया था।


वेदम की बहन, सरस्वती वेदम ने कहा कि वह 43 साल तक ऐसे अपराध के लिए जेल में रहे, जो उन्होंने किया ही नहीं। अब उन्हें भारत भेजना एक और अन्याय होगा। उनके वकीलों का कहना है कि वेदम ने जेल में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की और अन्य कैदियों को शिक्षा दी। ऐसे में उन्हें डिपोर्ट करना अन्यायपूर्ण और अमानवीय होगा।