अमेरिका में कंपनियों के दिवालियापन की बढ़ती संख्या: क्या ट्रंप की नीतियां हैं जिम्मेदार?
अमेरिका में दिवालियापन की alarming स्थिति
नई दिल्ली : अमेरिका में 2025 में कंपनियों के दिवालियापन के मामले पिछले एक दशक में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ को अमेरिकी राजस्व बढ़ाने और विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का दावा किया है, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत कहानी बयां कर रहे हैं। S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुसार, जनवरी से नवंबर के बीच 717 कंपनियों ने चैप्टर 7 या चैप्टर 11 के तहत दिवालियापन के लिए आवेदन किया, जो कि 2024 की तुलना में लगभग 14% अधिक है।
महंगाई और टैरिफ का प्रभाव
महंगाई और टैरिफ का संयुक्त दबाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इन दिवालियापन मामलों का मुख्य कारण टैरिफ और महंगाई है। अमेरिका के कई व्यवसाय जो आयात पर निर्भर थे, उन्हें दशकों में सबसे अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ा। निर्माण, विनिर्माण और परिवहन क्षेत्र की कंपनियों ने सबसे ज्यादा दिवालियापन के लिए आवेदन किया। इन कंपनियों ने महंगाई और उच्च ब्याज दरों को अपनी वित्तीय चुनौतियों का कारण बताया और ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों को भी लागत बढ़ाने वाला बताया।
रोजगार पर प्रभाव और ट्रंप के दावे
रोजगार पर असर और ट्रंप के दावे
ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उनके टैरिफ अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करेंगे, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत हैं। संघीय आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में समाप्त हुए एक वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 70,000 से अधिक नौकरियां समाप्त हुईं। यह दर्शाता है कि टैरिफ का बोझ कंपनियों और आम अमेरिकी नागरिकों दोनों पर पड़ा है।
कोविड के बाद की स्थिति
कोविड के बाद सबसे बड़ी छमाही
कॉर्नरस्टोन रिसर्च के अनुसार, जनवरी से जून 2025 की पहली छमाही में दिवालियापन के मामले कोविड-19 के बाद सबसे अधिक दर्ज किए गए। बड़ी कंपनियों ने उपभोक्ता मांग, महंगाई दर और पूंजी जुटाने में कठिनाइयों को इसके कारण बताया। एट होम और फॉरएवर 21 जैसे रिटेल सेक्टर के कई व्यवसाय दिवालियापन के लिए आवेदन करने को मजबूर हुए।
विशेषज्ञों की राय
एक्सपर्ट का नजरिया
येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेफरी सोननफेल्ड का कहना है कि व्यापार युद्ध और टैरिफ ने आयात-आधारित व्यवसायों पर भारी दबाव डाला है। कंपनियां लागत को ग्राहकों पर डालने में हिचकिचा रही हैं, और कई व्यवसाय इस दबाव को सहन न कर पाने के कारण बंद हो रहे हैं। इसके चलते अमेरिका में आर्थिक अस्थिरता और व्यापारिक तनाव की स्थिति और बढ़ गई है। ट्रंप की टैरिफ नीतियों और महंगाई का संयुक्त प्रभाव अमेरिका में व्यवसायों को संकट में डाल रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि आर्थिक सुधार और विनिर्माण क्षेत्र के संरक्षण के नाम पर लागू नीतियों के प्रभाव वास्तविकता से काफी भिन्न हैं, और व्यापारिक असफलताओं का दौर अभी भी जारी है।