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अमेरिका में हवाई यात्रा में संकट: उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को परेशानी

अमेरिका में हवाई यात्रा की स्थिति गंभीर हो गई है, जब एयरलाइंस को सरकारी आदेशों के तहत बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। 1,330 उड़ानें रद्द होने के साथ-साथ हजारों अन्य विमानों को लंबी देरी का सामना करना पड़ा। संघीय विमानन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उड़ानों में कमी का आदेश दिया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और आगे की संभावनाएँ।
 

अमेरिका में उड़ानों की रद्दीकरण की समस्या


नई दिल्ली: शनिवार को अमेरिका में हवाई यात्रा की स्थिति और भी बिगड़ गई, जब एयरलाइंस को सरकारी निर्देशों के तहत बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। कुल मिलाकर 1,330 उड़ानें रद्द की गईं, जबकि हजारों अन्य विमानों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। यह संकट उस समय उत्पन्न हुआ है जब संघीय सरकार का शटडाउन 39वें दिन में है।


सरकारी आदेशों का एयरलाइंस पर प्रभाव

संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने सुरक्षा कारणों से 40 प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानों की संख्या में 4 प्रतिशत की कमी करने का आदेश दिया है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की कमी और बिना वेतन काम कर रहे कर्मचारियों की अनुपस्थिति ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। शुक्रवार को भी इसी कारण से 1,200 से अधिक उड़ानें रद्द की गई थीं। सबसे अधिक प्रभावित हवाई अड्डों में अटलांटा, डेनवर, नेवार्क, शिकागो, ह्यूस्टन और लॉस एंजेलिस शामिल हैं।


यात्रियों की परेशानियाँ

शनिवार तक, अमेरिका के कम से कम 12 बड़े शहरों में उड़ानों में भारी देरी देखी गई। कई यात्रियों को पांच घंटे से अधिक का इंतजार करना पड़ा। FAA ने चेतावनी दी है कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ, तो उड़ानों में कटौती 12 नवंबर को 6 प्रतिशत और 14 नवंबर तक 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।


परिवहन सचिव की चेतावनी

परिवहन सचिव सीन डफी ने कहा कि यदि एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की अनुपस्थिति बढ़ती है, तो उड़ानों में कटौती का प्रतिशत और भी बढ़ाया जा सकता है।


लंबे शटडाउन का संकट

यह संकट तब आया है जब संघीय सरकार का शटडाउन 39वें दिन में है। लगभग 13,000 एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और 50,000 सुरक्षा कर्मी बिना वेतन काम कर रहे हैं। कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच फंडिंग को लेकर चल रहे गतिरोध के कारण स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है। इस राजनीतिक टकराव ने देश की एविएशन प्रणाली को लगभग ठप कर दिया है।