अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के H-1B वीजा शुल्क को दी मंजूरी
संघीय अदालत का निर्णय
नई दिल्ली: अमेरिका की एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए H-1B वीजा आवेदनों पर एक लाख अमेरिकी डॉलर की भारी शुल्क लगाने के निर्णय को मान्यता दी है। यह निर्णय अमेरिकी तकनीकी कंपनियों और विदेशी कुशल श्रमिकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
जज बेरिल हॉवेल का बयान
यूएस डिस्ट्रिक्ट जज बेरिल हॉवेल ने कहा कि ट्रंप ने इस आदेश को जारी करते समय अपने कानूनी अधिकारों का सही उपयोग किया है। जज हॉवेल के इस निर्णय ने ट्रंप प्रशासन के उस एजेंडे को मजबूती दी है, जिसमें आव्रजन पर सख्ती और अमेरिकी श्रमिकों को प्राथमिकता देने की बात की गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति को आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में व्यापक अधिकार दिए गए हैं।
जज हॉवेल की अन्य टिप्पणियाँ
जज हॉवेल ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति को ऐसी परिस्थितियों में निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दी है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि इस नीति की राजनीतिक समझदारी पर बहस करना न्यायपालिका का कार्य नहीं है। जब तक राष्ट्रपति का निर्णय कानून के दायरे में है, तब तक उसे वैध माना जाएगा।
ट्रंप प्रशासन की नई फीस
इस निर्णय के बाद, ट्रंप प्रशासन अब कानूनी चुनौतियों के बावजूद इस नई फीस को लागू कर सकता है। हालांकि, यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स इस निर्णय के खिलाफ अपील करने की योजना बना सकता है।
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की चेतावनी
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि इतनी अधिक फीस के कारण एच-1बी वीजा कई कंपनियों के लिए अत्यधिक महंगा हो जाएगा। विशेष रूप से, छोटी और मध्यम कंपनियों को इससे सबसे अधिक नुकसान हो सकता है। चैंबर के वरिष्ठ अधिकारी डेरिल जोसेफर ने कहा कि यह कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को वैश्विक प्रतिभा तक पहुंच प्रदान करने के लिए बनाया गया था, ताकि वे तेजी से आगे बढ़ सकें।
H-1B वीजा की संख्या
H-1B वीजा कार्यक्रम के तहत हर साल 65,000 वीजा जारी किए जाते हैं। इसके अलावा, उच्च शिक्षा प्राप्त विदेशी श्रमिकों के लिए 20,000 अतिरिक्त वीजा का प्रावधान है। अब तक इस वीजा से जुड़ी फीस लगभग 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच थी, लेकिन नई फीस लागू होने पर यह लागत कई गुना बढ़ जाएगी।
H-1B वीजा प्रणाली में बदलाव
इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा प्रणाली में एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। लॉटरी प्रणाली को समाप्त कर अब अधिक वेतन और बेहतर योग्यता वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह नया नियम 26 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2027 से प्रभावी रहेगा। प्रशासन का कहना है कि इससे सबसे कुशल और योग्य विदेशी श्रमिकों को अमेरिका में अवसर मिलेगा।