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अमेरिकी पासपोर्ट की वैश्विक स्थिति में गिरावट: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 ने अमेरिकी पासपोर्ट की वैश्विक स्थिति में गिरावट की पुष्टि की है। 20 वर्षों में पहली बार, यह पासपोर्ट शीर्ष 10 से बाहर हो गया है, अब 12वें स्थान पर है। सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों ने अपनी स्थिति बनाए रखी है। जानें कि अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत में कमी के पीछे क्या कारण हैं और यह वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता पर कैसे प्रभाव डाल रहा है।
 

अमेरिकी पासपोर्ट की नई रैंकिंग

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को एक महत्वपूर्ण झटका लगा है। 20 वर्षों में पहली बार, अमेरिकी पासपोर्ट दुनिया के शीर्ष 10 सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों की सूची से बाहर हो गया है। पहले स्थान पर रहने वाला अमेरिकी पासपोर्ट अब मलेशिया के साथ मिलकर 12वें स्थान पर खिसक गया है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अमेरिकी पासपोर्ट धारक अब 180 गंतव्यों पर वीज़ा-मुक्त या आगमन पर वीज़ा की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जो वैश्विक गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण गिरावट को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी सॉफ्ट पावर के घटते प्रभाव को दर्शाती है, जबकि एशिया-प्रशांत देशों का रैंकिंग में दबदबा बना हुआ है। 


शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देश

शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देश

नवीनतम हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, सिंगापुर ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है, जो 193 देशों में वीज़ा-मुक्त पहुँच प्रदान करता है। इसके बाद दक्षिण कोरिया (190 गंतव्य) और जापान (189 गंतव्य) का स्थान है। पारंपरिक यूरोपीय शक्तियाँ जैसे जर्मनी, इटली और स्पेन भी शीर्ष पाँच में शामिल हैं। अमेरिका का 12वें स्थान पर आना वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।


अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत में कमी के कारण

अमेरिकी पासपोर्ट ने अपनी ताकत क्यों खो दी है?

अमेरिकी पासपोर्ट की कमजोरी का मुख्य कारण विदेश नीति और सीमित वीज़ा पारस्परिकता है। उदाहरण के लिए, ब्राज़ील ने हाल ही में अमेरिकी नागरिकों के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश को समाप्त कर दिया, क्योंकि वाशिंगटन ने ब्राज़ीलियाई नागरिकों को समान विशेषाधिकार देने से इनकार कर दिया था। इसी तरह, चीन और वियतनाम ने अमेरिका को अपनी नई वीज़ा-मुक्त सूचियों से बाहर रखा है। पापुआ न्यू गिनी, म्यांमार और सोमालिया जैसे कई देशों ने नई ई-वीज़ा प्रणालियाँ शुरू की हैं, जिससे अमेरिकी यात्रियों की पहुँच और सीमित हो गई है।