अमेरिकी सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए
ईरान पर अमेरिकी हमले का ऐलान
रविवार (21 जून) की रात, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्डो, नटांज, और इस्फहान पर हवाई हमले किए हैं। यह कार्रवाई मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा देती है, क्योंकि अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी शुरू की है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह कदम इजरायल द्वारा ईरान के हवाई रक्षा तंत्र, मिसाइल प्रणालियों, और यूरेनियम संवर्धन ढांचे पर नौ दिनों तक किए गए हमलों के बाद उठाया गया है।
संयुक्त रणनीति का कार्यान्वयन
अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के अनुसार, अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर बमों का उपयोग किया, जो गहरे भूमिगत परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के लिए आवश्यक माने गए। ये बम केवल अमेरिकी सेना के पास हैं। एक इजरायली अधिकारी ने बताया कि हमले के दौरान इजरायल अमेरिका के साथ पूरी तरह से समन्वय में था।
ट्रम्प का बयान: “फोर्डो समाप्त हो चुका है”
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफल हमला किया है। सभी विमान अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। फोर्डो पर बमों का पूरा भार गिराया गया है। सभी विमान सुरक्षित रूप से लौट रहे हैं।”
ट्रम्प ने अमेरिकी सेना की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। कोई अन्य सेना ऐसा नहीं कर सकती थी। अब शांति का समय है!” उन्होंने एक अन्य पोस्ट में दावा किया, “फोर्डो समाप्त हो चुका है।”
ईरान की प्रतिक्रिया और संभावित जोखिम
यह कार्रवाई ट्रम्प प्रशासन के लिए एक जोखिम भरा कदम माना जा रहा है, क्योंकि ईरान ने चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका इजरायली हमलों में शामिल हुआ तो वह कड़ा जवाब देगा। ट्रम्प आज रात 10 बजे EDT पर अमेरिकी जनता को ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बारे में संबोधित करेंगे।