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आसीम मुनीर का अफगानिस्तान को चेतावनी: शांति या अराजकता का चुनाव करें

पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि उसे शांति या अराजकता में से एक का चुनाव करना होगा। उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है और पाकिस्तान में हमलों के लिए अफगान जमीन के उपयोग पर चिंता जताई है। इस बीच, दोनों देशों के बीच संभावित बैठक की चर्चा भी हो रही है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ता तनाव


पाकिस्तान और तालिबान संघर्ष: आसीम मुनीर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर टिप्पणी करते हुए अफगानिस्तान का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शांति या अराजकता में से एक को चुना जाए। पाकिस्तान में जानलेवा हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।


आसीम मुनीर के दो विकल्प

पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल सैयद आसीम मुनीर ने शनिवार को अफगानिस्तान के सामने दो विकल्प रखे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को अब शांति या अराजकता में से एक का चयन करना होगा। मुनीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में हमले करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


उन्होंने शुक्रवार रात को पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने का उल्लेख किया, जिससे कुछ समय के लिए दोनों देशों के बीच दुश्मनी कम हुई थी।


आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद में आर्मी कैडेट्स के पासिंग आउट समारोह में अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि अब शांति और अराजकता में से एक का चुनाव करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग करने वाले सभी आतंकवादियों को समाप्त किया जाएगा।


पाकिस्तान ने नॉर्थ वजीरिस्तान में एक मिलिट्री ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के जवाब में कार्रवाई की थी, जिसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली थी।


इस्लामाबाद की अपील

दोनों देशों के बीच दोहा में बैठक की संभावना है, जिसमें कतर सरकार मध्यस्थता कर सकती है। इस्लामाबाद ने तालिबान सरकार से अपील की है कि वे आतंकवादी समूहों को सीमा पार हमलों के लिए अफगान क्षेत्रों का उपयोग करने से रोकें। हालांकि, काबुल इन आरोपों को खारिज करता आ रहा है और कहता है कि अफगान जमीन का उपयोग किसी पड़ोसी देश के खिलाफ साजिश के लिए नहीं किया जा रहा है।