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इजरायल ने हिजबुल्ला के प्रमुख कमांडर हैथम अली तबातबाई को किया ढेर

इजरायल ने एक सटीक हवाई हमले में हिजबुल्ला के प्रमुख कमांडर हैथम अली तबातबाई को मार गिराया। यह ऑपरेशन एक दशक की योजना का परिणाम था। तबातबाई को अमेरिका ने मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट घोषित किया था और उसकी जानकारी पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था। इस हमले में पांच लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और तबातबाई के जीवन के बारे में।
 

इजरायल का सफल ऑपरेशन


नई दिल्ली: इजरायल ने एक दशक की मेहनत और कई असफल प्रयासों के बाद, हिजबुल्ला के खतरनाक कमांडर हैथम अली तबातबाई को बेरूत में एक हवाई हमले में मार गिराया। यह हमला लेबनान की राजधानी के केंद्र में हुआ, जहां तबातबाई हिजबुल्ला के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्यरत था।


सटीक और रणनीतिक हमला

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार, यह ऑपरेशन अत्यंत सटीक और रणनीतिक था। तबातबाई को हिजबुल्ला के महासचिव नईम कासिम के बाद संगठन का दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल पिछले दस वर्षों से तबातबाई को समाप्त करने की योजना बना रहा था।


तबातबाई का जीवन और इनाम

तबातबाई का जन्म 1968 में बेरूत में हुआ और उसने अपना बचपन दक्षिण लेबनान में बिताया। उसके पिता ईरानी और मां लेबनानी थीं। वह बहुत कम उम्र में हिजबुल्ला से जुड़ गया और संगठन की सबसे खतरनाक सैन्य शाखाओं में शीर्ष पर पहुंच गया। अमेरिका ने 2016 में उसे मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट घोषित किया और 2018 में उसकी जानकारी पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया।


तबातबाई का उद्देश्य

तबातबाई हिजबुल्ला की राडवान फोर्स का प्रमुख था, जिसका मुख्य उद्देश्य इजरायल के खिलाफ हमलों की योजना बनाना और उन्हें अंजाम देना था। इजरायल रक्षा बलों द्वारा हिजबुल्ला की सीनियर लीडरशिप को कमजोर करने के बाद, तबातबाई का प्रभाव और बढ़ गया। उसे गोलान हाइट्स के पास हिजबुल्ला का सैन्य ढांचा स्थापित करने का भी जिम्मेदार माना जाता था।


लेबनान स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट

लेबनान स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में कुल पांच लोगों की मौत हुई और कम से कम 25 लोग घायल हुए। धमाके के कारण एक आवासीय इमारत में बड़ा छेद बन गया और मलबा चारों ओर फैल गया। हिजबुल्ला के सांसद अली अम्मार ने कहा कि हमला पूरी तरह से नागरिक क्षेत्र में हुआ और वहां किसी भी प्रकार की सैन्य मौजूदगी नहीं थी। इससे पहले, रविवार को इजरायल ने लेबनान के सीमा शहर ऐता अल शाअब पर भी हमला किया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी।