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इज़रायल के प्रधानमंत्री का गाजा पर नियंत्रण का विवादास्पद बयान

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में गाजा पर नियंत्रण की योजना का खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य हमास को समाप्त करना है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इज़रायल इस क्षेत्र को अपने पास नहीं रखना चाहता और इसे अरब सेनाओं को सौंपने का इरादा रखता है। इस बयान ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर गाजा में चल रहे मानवीय संकट के संदर्भ में। क्या यह कदम इज़रायल के लिए नए संघर्ष का कारण बनेगा? जानें पूरी कहानी में।
 

नेतन्याहू का गाजा पर नियंत्रण का इरादा

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है कि उनका लक्ष्य फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास को समाप्त करना है और इसके लिए वे गाजा क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण चाहते हैं। हालांकि, नेतन्याहू ने यह भी स्पष्ट किया कि इज़रायल इस क्षेत्र को अपने पास 'रखना' नहीं चाहता और अंततः इसे अरब सेनाओं को सौंपने का इरादा रखता है। यह बयान फ़ॉक्स न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में दिया गया, जिससे इज़रायल-हमास संघर्ष की भविष्य की दिशा पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।


नेतन्याहू, जिन्हें 'बीबी' के नाम से जाना जाता है, ने सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देते हुए कहा, "हम हमास को हटाना चाहते हैं ताकि गाजा की जनता को स्वतंत्रता मिल सके।" उन्होंने यह भी बताया कि इस निर्णय को सुरक्षा कैबिनेट से मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन उनका इरादा स्पष्ट है। नेतन्याहू ने कहा, "हम इसे अपने पास नहीं रखना चाहते। हम एक सुरक्षा घेरा चाहते हैं और इसे अरब सेनाओं को सौंपना चाहते हैं, जो इसे सही तरीके से चलाएंगी।"


गाजा में युद्ध 2023 में 7 अक्टूबर को हुए हमलों के बाद शुरू हुआ, जिसमें 1,200 से अधिक इज़रायली नागरिकों की जान गई। इसके बाद इज़रायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए, जिसमें 61,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हुई और कई अन्य विस्थापित हुए। इज़रायल ने गाजा में सभी सहायता रोक दी है, जिससे वहां गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। नेतन्याहू का गाजा पर नियंत्रण का बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का विषय बन गया है।


इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की है कि सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा शहर पर नियंत्रण की योजना को मंजूरी दे दी है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो संघर्ष को एक नए चरण में ले जा सकता है। वर्तमान में, इज़रायल पहले से ही गाजा के 75% क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है। यदि इज़रायल पूरे गाजा पर नियंत्रण का प्रयास करता है, तो उसे पश्चिमी सहयोगियों सहित वैश्विक समुदाय से और अधिक अलगाव का सामना करना पड़ सकता है।