इमरान खान से मिलने की कोशिशों पर फिर से रोक, जेल के बाहर प्रदर्शन
तनावपूर्ण स्थिति रावलपिंडी जेल के बाहर
नई दिल्ली: रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल के बाहर एक बार फिर तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान से मिलने की कोशिश कर रही उनकी बहनों और पार्टी के नेताओं को रोक दिया गया।
धरना और पुलिस की कार्रवाई
इस स्थिति से नाराज होकर उन्होंने जेल के बाहर धरना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाए। इमरान खान की बहनों का आरोप है कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
जेल प्रशासन की मनमानी
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद इमरान खान से उनके परिवार और पार्टी नेताओं की मुलाकात नहीं होने दी जा रही है। कोर्ट ने मार्च में कहा था कि इमरान खान को हफ्ते में दो बार, मंगलवार और गुरुवार को, मिलने की अनुमति दी जाए।
हालांकि, बार-बार इस आदेश की अनदेखी की जा रही है। हाल ही में, इमरान की बहनों अलीमा खान, नूरीन खान और उज्मा खान ने पार्टी नेताओं के साथ जेल का दौरा किया, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली।
प्रदर्शन की स्थिति
मुलाकात न होने पर अलीमा खान ने जेल के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगी जब तक उन्हें अपने भाई से मिलने की अनुमति नहीं मिलती। पीटीआई कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और प्रदर्शन को तितर-बितर करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने अलीमा खान सहित उनकी बहनों और कुछ पार्टी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान जेल के बाहर काफी हंगामा हुआ।
अलीमा खान का बयान
मीडिया से बातचीत करते हुए अलीमा खान ने अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार और जेल प्रशासन जानबूझकर इमरान खान को अलग-थलग रख रहे हैं।
अलीमा ने यह भी बताया कि इमरान खान ने जेल से खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी को बड़े आंदोलन की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि परिवार और पार्टी लगातार जेल के बाहर प्रदर्शन करते रहेंगे।
पीटीआई नेताओं की प्रतिक्रिया
पीटीआई के महासचिव सलमान अकरम राजा ने कहा कि कैदी का अपने परिवार से मिलना उसका बुनियादी अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान को एकांत कारावास में रखा गया है। पार्टी नेताओं ने सरकार से कोर्ट के आदेश का पालन करने और नियमित मुलाकात की अनुमति देने की मांग की।