ईरान-इजराइल युद्ध: ट्रंप का शांति का संदेश और ईरान के हमले पर प्रतिक्रिया
ईरान-इजराइल संघर्ष का 11वां दिन
13 जून को शुरू हुए ईरान-इजराइल युद्ध का सोमवार को 11वां दिन था। इस दौरान, अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमले किए। इसके जवाब में, ईरान ने कतर और इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इस हमले के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने शांति का संदेश दिया।
ट्रंप का डिप्लोमैटिक दृष्टिकोण
ट्रंप ने ईरान के हमले को कमजोर बताते हुए कहा कि यह अमेरिका द्वारा उनके न्यूक्लियर साइट्स को नष्ट करने का प्रतिक्रीया थी। उन्होंने लिखा, 'ईरान ने हमारे न्यूक्लियर साइट्स को पूरी तरह बर्बाद करने के बाद एक बेहद कमजोर रिएक्शन दिया, जैसा कि हमें उम्मीद थी।' इसके साथ ही, उन्होंने ईरान की 'फ्रस्ट्रेशन' को उजागर किया और कहा कि अब वह मध्य पूर्व में शांति की दिशा में बढ़ सकता है।
शांति का संदेश
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'बधाई हो दुनिया, अब समय शांति का है।' उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अब मध्य पूर्व में शांति और दोस्ती की ओर बढ़ सकता है, और उन्होंने इजराइल को भी ऐसा करने के लिए समर्थन देने का आश्वासन दिया। ट्रंप ने ईरान का धन्यवाद किया कि उन्होंने हमले की पूर्व सूचना दी, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।
ईरान का मिसाइल हमला
ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर 14 मिसाइलें दागी थीं। ट्रंप के अनुसार, अमेरिका के उन्नत रक्षा प्रणाली ने 13 मिसाइलों को नष्ट कर दिया, जबकि एक मिसाइल को इसलिए नहीं रोका गया क्योंकि वह खतरे की दिशा में नहीं जा रही थी। इस हमले में कोई अमेरिकी घायल नहीं हुआ और न ही कोई बड़ा नुकसान हुआ। ईरान ने कहा कि उनका बदला पूरा हुआ है।
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