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ईरान की आक्रामकता के पीछे OPEC+ का दबाव: क्या है इसकी कहानी?

ईरान की आक्रामकता के पीछे OPEC+ का दबाव है, जो वैश्विक तेल राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका और इज़राइल जैसे देशों के खिलाफ ईरान का रुख स्पष्ट है, लेकिन OPEC+ के सामूहिक हितों के सामने उसे समझौता करना पड़ सकता है। जानें कैसे यह संगठन ईरान की आर्थिक स्थिरता और तेल उत्पादन को प्रभावित करता है, और क्या यह ईरान-इजराइल युद्ध को रोकने में सक्षम हो सकता है।
 

ईरान और OPEC+: एक जटिल संबंध

अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल जैसे शक्तिशाली देशों के खिलाफ ईरान का आक्रामक रुख जारी है। यह सवाल उठता है कि जब ईरान इन देशों से नहीं डरता, तो उसे किसका भय है? दरअसल, एक वैश्विक संगठन है, जिसका नाम OPEC Plus है, जिसके प्रति ईरान को ध्यान देना पड़ता है। यह संगठन कच्चे तेल की वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसमें ईरान भी शामिल है.


OPEC+ की ताकत और प्रभाव

OPEC Plus, या Organization of the Petroleum Exporting Countries Plus, एक ऐसा समूह है जिसमें OPEC के 13 सदस्य देशों के साथ 9 गैर-OPEC तेल उत्पादक देश भी शामिल हैं। यह समूह प्रतिदिन लगभग 45.2 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो वैश्विक उत्पादन का 50% से अधिक है। OPEC+ के एक बयान से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में हलचल मच जाती है, और इसके अधिकांश सदस्य देश मिडिल ईस्ट और अफ्रीका से हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था कच्चे तेल पर निर्भर है.


OPEC+ के प्रमुख सदस्य

इस समूह में कुल 22 देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख OPEC सदस्य हैं: सऊदी अरब, यूएई, ईरान, इराक, कुवैत, वेनेजुएला, लीबिया, नाइजीरिया, और अल्जीरिया। Non-OPEC सदस्य देशों में रूस, मैक्सिको, कजाखस्तान, मलेशिया, और ओमान शामिल हैं। सऊदी अरब और रूस इस समूह के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जो प्रतिदिन क्रमशः 10.4 और 10.3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करते हैं.


ईरान का तेल उत्पादन और उसकी स्थिति

ईरान OPEC+ का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, और इसकी रणनीतिक स्थिति, जैसे कि हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य, इसे वैश्विक सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण बनाती है। मार्च 2023 तक, ईरान का दैनिक तेल उत्पादन 2.5 मिलियन बैरल था, जो अब बढ़कर 3.3 मिलियन बैरल हो गया है। हालांकि यह उत्पादन इराक या यूएई से कम है, लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति इसे महत्वपूर्ण बनाती है.


OPEC+ से ईरान का डर

ईरान आमतौर पर किसी भी देश के सामने झुकता नहीं है, लेकिन OPEC+ के मामले में उसके अपने हित जुड़े हैं। तेल उत्पादन, सप्लाई चेन और आर्थिक स्थिरता के कारण, अगर OPEC+ ने दबाव डाला, तो ईरान को समझौता करना पड़ सकता है.


क्या OPEC+ ईरान-इजराइल युद्ध को रोक सकता है?

हालांकि OPEC+ एक राजनीतिक संगठन नहीं है, लेकिन इसका आर्थिक दबाव बहुत प्रभावशाली है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान-इज़राइल युद्ध के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। इराक के डिप्टी पीएम ने चेतावनी दी है कि यदि युद्ध जारी रहा, तो कच्चा तेल 200 डॉलर प्रति बैरल को पार कर सकता है. OPEC+ ने अभी तक युद्ध रोकने के लिए कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया है, लेकिन अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट बढ़ा, तो यह समूह ईरान पर दबाव डाल सकता है.


ईरान का OPEC+ के प्रति रवैया

ईरान की विदेश नीति में सख्ती है, लेकिन OPEC+ के सामूहिक हितों के सामने वह भी समझौता करने को मजबूर होता है। कच्चे तेल की वैश्विक राजनीति में OPEC+ की भूमिका किसी सुपरपावर से कम नहीं है, और इस समूह की नाराजगी ईरान के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है.