ईरान के मिसाइल हमले से बढ़ी क्लस्टर बमों की चिंता: इजराइल में पहली बार हुआ इस्तेमाल
क्लस्टर बमों का खतरा
19 जून को ईरान द्वारा इजराइल की ओर दागी गई एक मिसाइल ने क्लस्टर बम के उपयोग को लेकर वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है। क्लस्टर बम ऐसे हथियार होते हैं जो एक बार विस्फोट करने पर कई छोटे विस्फोटक उपकरणों को एक बड़े क्षेत्र में फैला देते हैं। इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि इस हमले में इस्तेमाल किया गया वारहेड क्लस्टर बम था, जो इस संघर्ष में इस प्रकार के हथियार के उपयोग का पहला ज्ञात मामला है.
फैलाव का क्षेत्र और खतरे
क्लस्टर बम का मुख्य वारहेड हवा में फटता है, जिससे इसके अंदर मौजूद छोटे बम एक विस्तृत क्षेत्र में गिरते हैं। 19 जून के हमले में, मिसाइल का वारहेड लगभग सात किलोमीटर की ऊंचाई पर फटा और लगभग 20 छोटे विस्फोटक जमीन पर गिरे। ये छोटे बम स्वतंत्र होते हैं और बिना निर्देश के गिरते हैं, जिससे इनके फैलाव का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है.
आम नागरिकों के लिए खतरा
क्लस्टर बम इसलिए भी घातक होते हैं क्योंकि इनमें से कई छोटे बम विस्फोट करने में विफल रह जाते हैं और युद्ध समाप्त होने के बाद भी खतरा बने रहते हैं। ऐसे विस्फोट न होने वाले बमों से आम नागरिकों को गंभीर चोटें लग सकती हैं या उनकी मृत्यु भी हो सकती है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के निदेशक डेरिल किमबॉल के अनुसार, क्लस्टर बम बड़े पैमाने पर विनाश करने वाले हथियार हैं, और यदि इनका उपयोग नागरिक क्षेत्रों में किया जाए तो यह और भी विनाशकारी हो सकता है.
इजराइल में नुकसान
रिपोर्टों के अनुसार, एक क्लस्टर बम ने मध्य इज़राइल के शहर अज़ोर में एक घर को नुकसान पहुंचाया, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। इजराइल के होम फ्रंट कमांड ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि संदिग्ध वस्तुओं को न छुएं और आपातकालीन नंबर पर संपर्क करें.
क्लस्टर बम और पारंपरिक मिसाइलों में अंतर
क्लस्टर बम पारंपरिक मिसाइलों से भिन्न होते हैं। सामान्य बैलिस्टिक मिसाइल एक सटीक विस्फोट करती है, जबकि क्लस्टर बम बड़े क्षेत्र में कई विस्फोट फैलाते हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में उनका प्रभाव अधिक खतरनाक होता है.