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ईरान के सलाहकार ने ट्रंप को ड्रोन हमले की दी चेतावनी

ईरान के वरिष्ठ सलाहकार मोहम्मद-जवाद लारीजानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ड्रोन हमले की चेतावनी दी है। उन्होंने मजाक में कहा कि ट्रंप को अपने रिसॉर्ट में धूप सेंकते समय माइक्रो-ड्रोन का सामना करना पड़ सकता है। इस बयान के पीछे एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग अभियान का भी जिक्र है, जो खामेनेई का अपमान करने वालों के खिलाफ बदला लेने के लिए धन जुटा रहा है। जानें इस विवादास्पद बयान के अन्य पहलुओं के बारे में।
 

ईरान के सलाहकार का विवादास्पद बयान

नई दिल्ली। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद-जवाद लारीजानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ड्रोन हमले की चेतावनी दी है। हाल ही में एक टेलीविजन चर्चा में उन्होंने मजाक में कहा कि ट्रम्प को अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में धूप सेंकते समय एक माइक्रो-ड्रोन का सामना करना पड़ सकता है। लारीजानी ने कहा कि अब ट्रम्प को वहां धूप नहीं सेंकना चाहिए, क्योंकि जब वे लेटे होंगे, तो कोई माइक्रो-ड्रोन उनकी नाभि पर हमला कर सकता है।


इस पर ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा कि उन्हें धूप सेकना पसंद नहीं है और शायद उन्होंने आखिरी बार 7 साल की उम्र में धूप में बैठा था। उन्होंने इस बयान को गंभीरता से नहीं लिया।


लारीजानी का बयान और क्राउड फंडिंग अभियान

स्थानीय मीडिया ने लारीजानी के बयान को लेकर एक रिपोर्ट में बताया कि यह 'ब्लड पैक्ट' नामक एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग अभियान से जुड़ा है, जो खामेनेई का अपमान करने वालों के खिलाफ बदला लेने के लिए धन जुटा रहा है। इस अभियान ने 8 जुलाई तक 27 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है।


नेतन्याहू और ट्रंप के खिलाफ अपील

ईरान इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी मौलवियों ने मुस्लिम समुदाय से ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को मारने की अपील की है। दोनों नेताओं ने खामेनेई की जान को खतरे में बताया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वेबसाइट पर एक बयान था कि हम उस व्यक्ति को इनाम देंगे जो भगवान के दुश्मनों और अली खामेनेई की जान को खतरे में डालने वालों को सजा देगा।


ईरान-इजरायल के बीच युद्धविराम

यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने अप्रैल से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की थी, लेकिन 22 जून को अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद तेहरान और वाशिंगटन के बीच बातचीत रुक गई। हालांकि, 24 जून से ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम लागू है।