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ईरान में डॉलर के मुकाबले रियाल की गिरावट से भड़के बड़े विरोध प्रदर्शन

ईरान में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रियाल की गिरावट ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है। राजधानी तेहरान सहित कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, जबकि सरकार पर आर्थिक संकट को संभालने का दबाव बढ़ रहा है। प्रदर्शनकारियों की मांगों को सुनने के लिए राष्ट्रपति ने संवाद की अपील की है। इस स्थिति के बीच, रियाल की गिरावट ने महंगाई को बढ़ा दिया है, जिससे आम परिवारों का बजट प्रभावित हो रहा है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और ईरान की वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

विरोध प्रदर्शनों की लहर


नई दिल्ली : ईरान में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रियाल की ऐतिहासिक गिरावट के चलते देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। राजधानी तेहरान सहित कई प्रमुख शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कुछ क्षेत्रों में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।


विभिन्न शहरों में आंदोलन का विस्तार

कई शहरों में फैला आंदोलन
तेहरान के अलावा इस्फहान, शिराज और मशहद जैसे बड़े शहरों में भी विरोध रैलियां आयोजित की गईं। इन प्रदर्शनों में व्यापारी, आम नागरिक और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। रिपोर्टों के अनुसार, कई बाजारों में दुकानदारों ने विरोध स्वरूप अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए और अन्य व्यापारियों से भी कारोबार रोकने की अपील की।


सेंट्रल बैंक प्रमुख का इस्तीफा

सेंट्रल बैंक प्रमुख का इस्तीफा
प्रदर्शनों के बढ़ने के साथ ही ईरान के सेंट्रल बैंक के प्रमुख मोहम्मद रज़ा फ़र्ज़िन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सरकार पर आर्थिक संकट को संभालने का भारी दबाव है और जनता लगातार जवाब मांग रही है।


2022 के बाद का सबसे बड़ा विरोध

2022 के बाद सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन
सोमवार को हुआ यह विरोध प्रदर्शन 2022 के बाद का सबसे बड़ा माना जा रहा है। उस समय 22 वर्षीय महसा जीना अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे देश में व्यापक आंदोलन हुआ था। उन्हें कथित तौर पर हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद जनता का गुस्सा फूट पड़ा था।


राष्ट्रपति की संवाद की अपील

राष्ट्रपति ने संवाद की अपील की
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी सरकार से प्रदर्शनकारियों की "वाजिब मांगों" को गंभीरता से सुनने की बात कही है। उन्होंने आंतरिक मामलों के मंत्री को निर्देश दिया है कि वे प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करें और समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदारी से कदम उठाएं।


महंगाई में वृद्धि

रियाल की गिरावट ने बढ़ाई महंगाई
हाल ही में ईरान की मुद्रा डॉलर के मुकाबले 14.2 लाख रियाल तक गिर गई थी, जबकि सोमवार को यह लगभग 13.8 लाख रियाल पर कारोबार कर रही थी। मुद्रा के तेजी से कमजोर होने से महंगाई और बढ़ गई है। खाद्य सामग्री और रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम परिवारों का बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।


करों में संभावित वृद्धि

टैक्स और ईंधन कीमतों की आशंका से बढ़ी चिंता
सरकारी मीडिया में यह खबर भी सामने आई है कि 21 मार्च से शुरू होने वाले ईरानी नववर्ष में सरकार करों में बढ़ोतरी कर सकती है। इसके अलावा हाल में ईंधन की कीमतों में बदलाव से भी जनता में नाराजगी बढ़ी है, जिससे आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।


रियाल की ऐतिहासिक गिरावट

2015 में ईरानी रियाल की कीमत 32,000 प्रति डॉलर
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में परमाणु समझौते के समय ईरानी रियाल की कीमत लगभग 32,000 प्रति डॉलर थी। यह समझौता 2018 में उस समय टूट गया, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इससे अलग कर लिया। इतिहास में यह भी देखा गया है कि 1979 की इस्लामिक क्रांति में ईरान के व्यापारियों ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसने राजशाही का अंत कर दिया था।