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उत्तर भारत में सर्दी का आगाज़: बर्फबारी और बारिश का मौसम

उत्तर भारत में सर्दी का आगाज़ जल्दी हो गया है, जहां हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हो चुकी है। दिल्ली और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में बारिश के साथ तापमान में गिरावट आई है। भारतीय मौसम विभाग ने अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है। जानें, ला नीना का प्रभाव और आने वाले दिनों में मौसम की क्या स्थिति रहने वाली है।
 

उत्तर भारत में सर्दी का आगाज़

उत्तर भारत का मौसम: इस वर्ष उत्तर भारत में सर्दी के आगमन की उम्मीद जल्दी है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हो चुकी है, जबकि दिल्ली और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में बारिश के साथ तापमान में गिरावट आई है। अचानक आए इस मौसम परिवर्तन ने ठंड और नमी को सामान्य से पहले ही बढ़ा दिया है, जो इस सीजन की पहली व्यापक ठंड और बारिश का संकेत है।


बर्फबारी का सिलसिला जारी

श्रीनगर स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, सोमवार को ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हुई और रातभर यह जारी रही। जम्मू-कश्मीर के मैदानी क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी बारिश हुई।


हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन बर्फबारी हुई। मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश ने दिन के तापमान को काफी कम कर दिया।


IMD का मौसम पूर्वानुमान

IMD का मौसम पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अक्टूबर में अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है। इस महीने में लंबी अवधि के औसत (LPA) 75.4 मिमी के मुकाबले लगभग 115% बारिश होने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है, सिवाय कुछ केंद्रीय और दक्षिणी क्षेत्रों के।


उत्तर-पूर्वी मानसून का प्रभाव

उत्तर-पूर्वी मानसून (अक्टूबर–दिसंबर) भी सामान्य से अधिक वर्षा ला सकता है, खासकर तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में, जहां बारिश लंबी अवधि के औसत से 112% ज्यादा हो सकती है।


ला नीना का प्रभाव

ला नीना और मौसमी परिस्थितियों का प्रभाव

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान मौसम गतिविधियां और आगामी मौसम प्रवृत्तियां ला नीना की बदलती परिस्थितियों से जुड़ी हैं, जिसमें मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह के तापमान में गिरावट शामिल है। वर्तमान में Neutral ENSO स्थितियां बनी हुई हैं, लेकिन अक्टूबर-दिसंबर के बीच ला नीना विकसित होने की संभावना 71% है, अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार।


समुद्री परिस्थितियों का प्रभाव

समुद्री परिस्थितियां और आगे का मौसम

वर्तमान में Neutral Indian Ocean Dipole (IOD) स्थितियां बनी हुई हैं। पूर्वानुमान के अनुसार पोस्ट-मॉनसून महीनों तक यह स्थिर रहेगी। अधिकांश भारतीय महासागर क्षेत्र में समुद्र सतह का तापमान औसत से ज्यादा देखा जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह शुरुआती ठंड और व्यापक वर्षा संकेत देती है कि उत्तर भारत में आने वाले समय में ठंडा और गीला मौसम आ सकता है।