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एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान विवाद में ICC ने बदला फैसला

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए विवाद ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। 'हैंडशेक' विवाद के चलते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ICC पर दबाव डाला, जिसके परिणामस्वरूप ICC ने अपने पहले के निर्णय में बदलाव किया। अब रिची रिचर्डसन को मैच रेफरी नियुक्त किया गया है। इस विवाद के चलते PCB के टूर्नामेंट से हटने की आशंका भी जताई गई थी, लेकिन समझौते के बाद यह खतरा टल गया। जानें इस पूरे घटनाक्रम के बारे में।
 

एशिया कप 2025 में विवाद

एशिया कप 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एक महत्वपूर्ण मैच के बाद 'हैंडशेक' विवाद ने क्रिकेट की दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। इस विवाद के चलते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) पर दबाव डाला, जिसके परिणामस्वरूप ICC को अपने पहले के निर्णय में बदलाव करना पड़ा। पहले, ICC ने पाकिस्तान की मांग को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन अब इसे स्वीकार कर लिया गया है।


पाकिस्तान के अगले मैच में रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाकर रिची रिचर्डसन को नियुक्त किया गया है, जो PCB के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है। रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के बाद मैदान पर तनाव स्पष्ट था। भारतीय खिलाड़ियों ने पाहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जिससे दोनों बोर्डों के बीच तनाव और बढ़ गया।


PCB की शिकायत और ICC का यू-टर्न

PCB की शिकायत और ICC का यू-टर्न


शुरुआत में ICC ने PCB की मांग को ठुकरा दिया था। ICC के जनरल मैनेजर वसीम खान, जो पहले PCB के CEO रह चुके हैं, ने इस निर्णय पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे मामला और जटिल हो गया। लेकिन PCB ने हार नहीं मानी और लगातार दबाव बनाए रखा।


आखिरकार, बंद कमरे में हुई बातचीत के बाद ICC ने एक समाधान निकाला। नतीजतन, पाकिस्तान के अगले मैच में यूएई के खिलाफ एंडी पाइक्रॉफ्ट की जगह रिची रिचर्डसन को मैच रेफरी नियुक्त किया गया। यह निर्णय PCB चेयरमैन मोहसिन नकवी के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं।


टूर्नामेंट से हटने की आशंका

टूर्नामेंट से हटने की थी आशंका


विवाद के दौरान ऐसी अटकलें थीं कि अगर ICC उनकी मांगों को नहीं मानता, तो PCB टूर्नामेंट से हट सकता है। यदि ऐसा होता, तो PCB को लगभग 16 मिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता था, जो उनके लिए एक बड़ा झटका होता। खासकर तब, जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) जैसे मजबूत बोर्डों की तुलना में PCB की आर्थिक स्थिति कमजोर है। हालांकि, समझौते के बाद यह खतरा टल गया।