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कजाकिस्तान ने अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजराइल-अरब संबंधों को नया मोड़ दिया

कजाकिस्तान ने अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजराइल और अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राष्ट्रपति कसीम-जोमार्त तोकायेव ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के बाद इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की। इस कदम से दोनों देशों के बीच राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुस्लिम देशों के बीच इजराइल के प्रति बढ़ती स्वीकृति का संकेत है।
 

कजाकिस्तान का ऐतिहासिक निर्णय

न्यूज मीडिया :- कजाकिस्तान ने इजराइल और अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने वाले अब्राहम समझौते में शामिल होने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति कसीम-जोमार्त तोकायेव ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के बाद इस महत्वपूर्ण घोषणा की। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच हुई वर्चुअल बैठक में मध्य-पूर्व में शांति और आर्थिक सहयोग पर चर्चा की गई।



इसके बाद कजाकिस्तान ने औपचारिक रूप से अब्राहम समझौते में शामिल होने की सहमति दी। यह समझौता 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ था, जिसके तहत संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। कजाकिस्तान, जो मध्य एशिया का एक प्रमुख मुस्लिम राष्ट्र है, लंबे समय से इजराइल के साथ सीमित आर्थिक और तकनीकी सहयोग बनाए रखता था।


अब इस समझौते में शामिल होने से दोनों देशों के बीच राजनयिक, सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलने की संभावना है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि कजाकिस्तान का यह निर्णय मध्य-पूर्व और एशिया में स्थिरता का नया अध्याय खोलेगा। वहीं, ट्रम्प ने अपने बयान में कहा कि अब्राहम समझौता वैश्विक शांति का प्रतीक बन चुका है।


कजाकिस्तान का इस समझौते में शामिल होना एक महत्वपूर्ण सफलता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से मुस्लिम देशों के बीच इजराइल के प्रति बढ़ती स्वीकृति का संकेत मिलता है और यह ईरान और रूस के प्रभाव को संतुलित करने में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।