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कश्मीर घाटी में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए दुलहस्ती-2 परियोजना को मिली मंजूरी

भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी है, जिससे कश्मीर घाटी में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। यह परियोजना 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली है और पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश भी है। जानें इस परियोजना के महत्व और इसके प्रभाव के बारे में।
 

पर्यावरण मंत्रालय ने दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को दी हरी झंडी


Jammu-Kashmir Breaking News: भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह परियोजना केंद्र सरकार की रन-ऑफ-द-रिवर योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


इस परियोजना के कार्यान्वयन से कश्मीर घाटी में बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा और यह केंद्र की इस महत्वपूर्ण योजना के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। इससे 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के लिए निर्माण निविदाएं जारी करने का मार्ग प्रशस्त होगा। दुलहस्ती-2 को मंजूरी मिलने से यह स्पष्ट है कि भारत अब पाकिस्तान की आपत्तियों की परवाह किए बिना अपने जल संसाधनों का उपयोग करेगा।


रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना का महत्व

रन-ऑफ-द-रिवर का तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें नदियों के जल प्रवाह में बिना किसी रुकावट के जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। इसमें नदी के प्रवाह का उपयोग बिना बड़े बांध बनाए किया जाता है। दुलहस्ती-2 मौजूदा 390 मेगावाट की दुलहस्ती-1 परियोजना का विस्तार है, और इसका लक्ष्य लगभग 258 मेगावाट बिजली का उत्पादन करना है।


पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश

सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद भारत ने पाकिस्तान को एक और झटका दिया है। पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को पड़ोसी देश के लिए एक कड़ा संदेश माना है। जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बनी विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने इस परियोजना को स्वीकृति दी है। यह स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद और जल संसाधनों के मुद्दों पर अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। ईएसी ने परियोजना के मानदंड 1960 की सिंधु जल संधि के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित किए हैं।


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