काहिरा के पास 4,500 साल पुराना सूर्य मंदिर: प्राचीन मिस्र की अद्भुत खोज
नई खोज का महत्व
नई दिल्ली: हाल ही में मिस्र की राजधानी काहिरा के निकट एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज ने विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है। इटली और पोलैंड के संयुक्त पुरातात्विक दल ने 4,500 साल पुराना सूर्य देव रा को समर्पित एक मंदिर खोज निकाला है। यह मंदिर फिरौन किंग न्यूसर्रे के शासनकाल में निर्मित माना जाता है। प्राचीन मिस्र में सूर्य की पूजा का महत्व दर्शाने वाला यह मंदिर, पिरामिडों और ममियों के अलावा एक नई दृष्टि प्रदान करता है।
पांचवें वंश का ऐतिहासिक संदर्भ
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मंदिर मिस्र के पांचवें साम्राज्य (2465–2323 ईसा पूर्व) का हिस्सा है। इसे फिरौन न्यूसर्रे इनी के शासनकाल में बनाया गया था, जो लगभग 2420 से 2389 ईसा पूर्व तक शासन करते थे। उस समय सूर्य देव रा को सृष्टि का जनक माना जाता था, और फिरौन को उनका प्रतिनिधि समझा जाता था। इस प्रकार, यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं था, बल्कि सत्ता की वैधता का प्रतीक भी था। यह खोज यह दर्शाती है कि प्राचीन मिस्र में राजनीति, धर्म और देवता एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए थे।
खगोल विज्ञान का केंद्र
खुदाई के दौरान मंदिर के अंदर एक धार्मिक कैलेंडर भी मिला है, जिसमें विभिन्न त्योहारों का उल्लेख है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मंदिर की छत का उपयोग तारों और ग्रहों के अध्ययन के लिए किया जाता था। यह दर्शाता है कि यह सूर्य मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं था, बल्कि प्राचीन मिस्र में खगोल विज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी था। इससे यह स्पष्ट होता है कि मिस्रवासियों ने समय, मौसम और आकाशीय घटनाओं का गहन अध्ययन किया था।
भव्यता और सामाजिक जीवन
यह मंदिर लगभग 10,000 वर्ग फुट में फैला हुआ था, जिसमें सफेद चूना पत्थर की नक्काशी, ग्रेनाइट के स्तंभ, लंबे गलियारे और सीढ़ियाँ शामिल थीं। खुदाई में एक ढलान भी मिली है, जिसे नील नदी से जोड़ा गया है। इसके अलावा, मिट्टी के बर्तन, बियर ग्लास और प्राचीन खेल 'सेनेट' के लकड़ी के टुकड़े भी मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि यहां सामाजिक गतिविधियाँ भी होती थीं।
मंदिर का टूटा इतिहास
पुरावशेष और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, मंदिर के कुछ हिस्सों को बाद में पांचवें साम्राज्य के छठे फिरौन ने ध्वस्त करवा दिया था, ताकि वह अपने लिए नया मंदिर बनवा सके। मंदिर के नीचे कच्ची ईंटों से बनी एक अन्य इमारत मिली है, जो इस बात का संकेत देती है कि यह स्थान कई चरणों में विकसित हुआ। यह खोज यह साबित करती है कि प्राचीन मिस्र का इतिहास स्थिर नहीं था, बल्कि लगातार विकसित होता रहा।
सूर्य देव का रहस्य
यह 4,500 साल पुराना सूर्य मंदिर मिस्र को केवल मकबरों की सभ्यता कहने की धारणा को चुनौती देता है। यह खोज बताती है कि प्राचीन मिस्र जीवन, ऊर्जा, विज्ञान और ब्रह्मांड को समझने वाली एक अत्यंत उन्नत संस्कृति थी। आने वाले वर्षों में और खुदाइयों से सूर्य पूजा और मिस्र की सत्ता से जुड़े और भी रहस्यमयी राज सामने आने की संभावना है।