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कौन हैं लास्लो क्रासनाहोरकई? जानें साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता के बारे में

इस वर्ष साहित्य का नोबेल पुरस्कार हंगरी के लेखक लास्लो क्रासनाहोरकई को दिया गया है। यह पुरस्कार उनकी गहन रचनाओं के लिए है। जानें नोबेल पुरस्कार की स्थापना, दो बार विजेता बने महान व्यक्तियों की कहानियाँ, और मैरी क्यूरी की अनोखी उपलब्धियों के बारे में। यह लेख आपको नोबेल पुरस्कार के इतिहास और इसके विजेताओं की प्रेरणादायक कहानियों से परिचित कराएगा।
 

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2023


अंतरराष्ट्रीय समाचार: इस वर्ष साहित्य का नोबेल पुरस्कार हंगरी के लेखक लास्लो क्रासनाहोरकई को प्रदान किया जाएगा। उनकी गहन और दूरदर्शी रचनाओं की सराहना करते हुए यह घोषणा की गई। यह इस सप्ताह का चौथा नोबेल पुरस्कार है, जबकि चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के पुरस्कार पहले ही घोषित किए जा चुके हैं। शांति पुरस्कार शुक्रवार को और अर्थशास्त्र का नोबेल सोमवार को घोषित किया जाएगा। सभी पुरस्कार 10 अक्टूबर को दिए जाएंगे, जो अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है।


नोबेल पुरस्कार की स्थापना

नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडिश उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल ने की थी, जो डायनामाइट के आविष्कारक थे और जिनका निधन 1896 में हुआ। उनकी वसीयत में यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को देने का प्रावधान था जो मानवता के लिए योगदान करते हैं। यह पुरस्कार पहली बार 1901 में प्रदान किया गया और आज इसे विज्ञान, साहित्य और शांति में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।


दो बार नोबेल जीतने वाले पांच महान लोग

इतिहास में केवल पांच व्यक्तियों ने दो बार नोबेल पुरस्कार जीता है। इनमें मैरी क्यूरी, जॉन बार्डीन, फ्रेडरिक सेंगर, लिनस पॉलिंग और कार्ल बैरी शार्पलेस शामिल हैं। यह उपलब्धि दर्शाती है कि उन्होंने दुनिया को बदलने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक बार नोबेल जीतना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन दो बार जीतना लगभग असंभव है, यही कारण है कि ये नाम इतिहास में विशेष स्थान रखते हैं।


मैरी क्यूरी: पहली डबल विजेता

मैरी क्यूरी पहली महिला थीं जिन्होंने नोबेल पुरस्कार जीता और वह पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने इसे दो बार प्राप्त किया। 1903 में, उन्होंने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ रेडियोधर्मिता पर शोध के लिए भौतिकी का नोबेल जीता। 1911 में, उन्हें रसायन विज्ञान का नोबेल रेडियम और पोलोनियम की खोज के लिए मिला। उनकी खोजों ने विज्ञान की दिशा को बदल दिया और अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया।


अन्य विज्ञान के नोबेल विजेता

जॉन बार्डीन को दो बार भौतिकी का नोबेल मिला - पहली बार 1956 में ट्रांजिस्टर के आविष्कार के लिए और दूसरी बार 1972 में अतिचालकता के बीसीएस सिद्धांत के लिए। फ्रेडरिक सेंगर ने 1958 में इंसुलिन की संरचना निर्धारित करने और 1980 में डीएनए अनुक्रमण विधि विकसित करने के लिए दो रसायन नोबेल जीते। कार्ल बैरी शार्पलेस को 2001 में चिरल उत्प्रेरक खोजने और 2022 में क्लिक केमिस्ट्री के लिए सम्मानित किया गया।


लिनस पॉलिंग की अनोखी कहानी

लिनस पॉलिंग की कहानी विशेष है क्योंकि उन्होंने दो अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार जीते। 1954 में, उन्हें रासायनिक बंधों पर अनुसंधान के लिए रसायन का नोबेल मिला। 1962 में, परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए उन्हें शांति का नोबेल दिया गया। उनका जीवन यह दर्शाता है कि विज्ञान और शांति एक साथ चल सकते हैं।


1901 के पहले नोबेल विजेता

पहले नोबेल पुरस्कार 1901 में दिए गए थे। भौतिकी का पुरस्कार विल्हेम रॉन्टगन को एक्स-रे की खोज के लिए मिला। चिकित्सा का नोबेल एमिल वॉन बेह्रिंग को डिप्थीरिया के खिलाफ सीरम थैरेपी के लिए दिया गया। शांति पुरस्कार स्विस नेता जीन-हेनरी डुनैंट और फ्रांसीसी फ्रेडरिक पैसी को मिला। डुनैंट ने रेड क्रॉस की स्थापना की थी और पैसी ने अंतरराष्ट्रीय शांति समिति बनाई थी। इस प्रकार यह परंपरा शुरू हुई, जो आज भी दुनिया के सबसे बड़े सम्मान के रूप में कायम है।