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क्या अमेरिका और भारत के बीच नया व्यापार समझौता संभव है? ट्रंप ने दिए संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में नई प्रगति के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक संतुलित और लाभकारी व्यापार समझौते के करीब हैं। ट्रंप ने भारतीय आयात पर शुल्क में कमी के संकेत भी दिए हैं। इस वार्ता का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या संभावनाएँ हैं।
 

नई दिल्ली में व्यापार वार्ता की नई दिशा


नई दिल्ली: अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ताओं में हालिया प्रगति के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वाशिंगटन और नई दिल्ली एक नए व्यापार समझौते के करीब पहुंच रहे हैं। यह टिप्पणी उस समय आई जब अमेरिका के नए भारत राजदूत सर्जियो गोर ने ओवल ऑफिस में शपथ ली।


ट्रंप की टिप्पणियाँ

ट्रंप ने समारोह में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अब पहले से अधिक सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। उनके अनुसार, दोनों देश एक ऐसा व्यापार समझौता तैयार करने के करीब हैं जो दोनों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने मजाक में कहा कि भारत शायद अभी उन्हें पसंद नहीं करता, लेकिन जल्द ही यह बदल जाएगा क्योंकि वे एक न्यायपूर्ण समझौते पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने राजदूत सर्जियो गोर को सलाह दी कि भारत एक मजबूत वार्ताकार है और इस पर ध्यान देना आवश्यक है।


भारतीय आयात पर शुल्क में कमी के संकेत

पत्रकारों से बातचीत में, जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका भारतीय आयात पर शुल्क कम करने के लिए तैयार है, तो उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए। ट्रंप ने कहा कि भारत पर शुल्क का स्तर अधिक है, जिसमें रूसी तेल का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत ने रूसी तेल का आयात कम कर दिया है और अमेरिका भी शुल्क में कटौती करने की योजना बना रहा है।


बातचीत में तेजी

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता में तेजी आई है। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 5 नवंबर को कहा था कि व्यापार समझौते पर बातचीत अच्छी गति से चल रही है, हालांकि कुछ संवेदनशील मुद्दे अभी भी चर्चा में हैं।


इस वार्ता का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। मार्च से अब तक इस पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें 23 अक्टूबर को एक आभासी बैठक भी शामिल है। पहले चरण का औपचारिक समझौता 2025 के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है।


दोनों देशों की टीमों की सक्रिय भागीदारी

सितंबर में, पीयूष गोयल ने एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वाशिंगटन का दौरा किया। इस दल में मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी शामिल थे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया। इसी दौरान, अमेरिका की ओर से ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली पहुंचा और भारत के वाणिज्य विभाग के साथ सकारात्मक बातचीत की। दोनों पक्ष एक तेज और लाभकारी समझौते के लिए प्रयास बढ़ाने पर सहमत हुए।