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क्या अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा संघर्ष को समाप्त किया? जानें पूरी कहानी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा और इज़राइल के बीच संघर्ष के समाप्त होने की घोषणा की है। इस दौरान, उन्होंने इज़राइल की संसद को संबोधित किया और बताया कि हमास ने इज़राइल के 20 बंधकों को रिहा किया है। इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप की प्रशंसा की है। अब ट्रंप का ध्यान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर है, जहां हाल ही में संघर्ष हुआ है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या ट्रंप इसे भी सुलझा पाएंगे।
 

गाजा और इज़राइल के बीच संघर्ष का अंत


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष के समाप्त होने की घोषणा की है। इज़राइल पहुंचने के बाद, उन्होंने वहां की संसद को संबोधित किया, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ट्रंप ने बताया कि गाजा में संघर्षविराम लागू हो चुका है, जिसके तहत हमास ने इज़राइल के 20 बंधकों को सुरक्षित रूप से रिहा कर दिया है। इसके जवाब में, इज़राइल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की योजना बना रहा है।


नेतन्याहू की ट्रंप की प्रशंसा

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद हालात तेजी से बदले और एक हफ्ते के भीतर युद्धविराम संभव हो सका। नेतन्याहू के अनुसार, ट्रंप का नेतृत्व क्षेत्र में स्थिरता लाने में सहायक साबित हुआ है। ट्रंप ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह आठवां युद्ध है जिसे उन्होंने समाप्त कराया है।


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

गाजा के बाद, ट्रंप की नजर अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर है। उन्होंने इज़राइल दौरे से पहले कहा था कि वह इन दोनों देशों के बीच जारी टकराव को समाप्त करना चाहते हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर उनके मध्य पूर्व दौरे के बाद भी युद्ध नहीं रुका, तो वह आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें युद्ध रोकने का अनुभव है और वह एक और संघर्ष को रोकने के लिए तत्पर हैं।


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने काबुल पर हमला किया, यह कहते हुए कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बना रहा है। अफगानिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मानते हुए जवाबी कार्रवाई की। रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 23 पाकिस्तानी और 9 अफगानी सैनिक मारे जा चुके हैं। दोनों देशों के बीच 2600 किलोमीटर लंबी सीमा है, और यदि यह टकराव बढ़ता है, तो क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।


विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का मानना है कि अफगान तालिबान टीटीपी को संरक्षण देता है, क्योंकि दोनों का वैचारिक और जातीय संबंध गहरा है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।