क्या अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर?
अंतरराष्ट्रीय समाचार: अमेरिका की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय समाचार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी है कि उनकी सरकार कुकिंग ऑयल के व्यापार को समाप्त करने पर विचार कर रही है। इस पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि व्यापार युद्ध से किसी को भी लाभ नहीं होता। बीजिंग ने स्पष्ट किया कि मतभेदों का समाधान बातचीत और आपसी सम्मान से किया जाना चाहिए। यह तनाव अब केवल व्यापार तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि राजनीतिक दबाव का भी रूप ले चुका है।
चीन की बातचीत की पेशकश
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका और चीन को समानता और आपसी लाभ के आधार पर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि चीन की स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है और वह मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका एकतरफा निर्णय लेगा, तो चीन अपने हितों की रक्षा करेगा। यह बयान ट्रंप के उस एलान के बाद आया जिसमें उन्होंने चीन से तेल व्यापार रोकने की बात कही थी।
सोयाबीन पर अमेरिका को झटका
चीन लंबे समय से अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार रहा है। लेकिन टैरिफ विवाद के कारण बीजिंग ने अमेरिका से खरीदारी बंद कर दी है। महंगे आयात से बचने के लिए, उसने ब्राजील और अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों से सोयाबीन खरीदना शुरू कर दिया है। इस कदम से अमेरिकी किसानों की स्थिति खराब हो गई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन की इस कार्रवाई को अमेरिका पर आर्थिक हमला बताया है। किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है क्योंकि उनकी आमदनी बुरी तरह प्रभावित हो गई है।
रेयर अर्थ मिनरल्स पर नियंत्रण
तनाव केवल कृषि तक सीमित नहीं है। चीन ने हाल ही में हाई-टेक सामान बनाने में आवश्यक रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है। चीन का कहना है कि यह कदम विश्व शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए उठाया गया है। लेकिन वॉशिंगटन ने इसे रणनीतिक हथियार करार दिया है। इसके जवाब में ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे दोनों देशों के बीच टकराव और बढ़ गया है।
ट्रंप का चीन पर आरोप
राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन जानबूझकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को निशाना बना रहा है। उनका कहना है कि सोयाबीन पर रोक और रेयर अर्थ पर नियंत्रण सीधे तौर पर अमेरिकी हितों पर हमला है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर संभव कदम उठाने को तैयार है। कुकिंग ऑयल पर रोक उसी रणनीति का हिस्सा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह अमेरिकी किसानों और कारोबारियों को किसी भी कीमत पर नुकसान नहीं होने देंगे।
अमेरिकी किसान सबसे ज्यादा प्रभावित
इस विवाद का सबसे बड़ा असर अमेरिकी किसानों पर पड़ा है। पिछले साल अमेरिका ने 24.5 अरब डॉलर का सोयाबीन निर्यात किया था, जिसमें से आधा चीन ने खरीदा। लेकिन चीन की रोक से लाखों टन सोयाबीन गोदामों में पड़ा है। कीमतें गिर रही हैं और किसान विरोध में आवाज उठा रहे हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यदि यह विवाद लंबा खिंचा, तो पूरी दुनिया में खाद्य संकट और महंगाई बढ़ सकती है।
दुनिया देख रही दोनों की जंग
अब पूरी दुनिया इस टकराव को चिंता के साथ देख रही है। बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है और निवेशक डरे हुए हैं। कृषि से लेकर टेक्नोलॉजी तक हर सेक्टर पर असर पड़ रहा है। चीन लगातार कह रहा है कि सहयोग ही रास्ता है, जबकि ट्रंप धमकियों की राजनीति कर रहे हैं। इस खींचतान का नतीजा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है। सोयाबीन, रेयर अर्थ और अरबों डॉलर के कारोबार पर भविष्य टिका हुआ है।