क्या ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करने में सच में भूमिका निभाई?
ट्रंप का दावा: आर्थिक चेतावनी से आया बदलाव
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को अपनी कड़ी आर्थिक चेतावनी के माध्यम से नियंत्रित किया। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने दोनों देशों को 350 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद स्थिति में सुधार आया। हालांकि, भारत ने हमेशा से किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है और कहा है कि तनाव में कमी द्विपक्षीय वार्ता के जरिए हुई है।
ट्रंप की चिंता और सऊदी फोरम में बयान
अमेरिका-सऊदी निवेश फोरम में बोलते हुए, ट्रंप ने कहा कि वे विवादों को सुलझाने में कुशल हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संकटों के समाधान में योगदान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु संघर्ष को लेकर चिंतित थे, क्योंकि इससे लाखों निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
350% टैरिफ की धमकी का प्रभाव
कार्यक्रम में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी उपस्थित थे, जहां ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी देशों को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि वे तनाव कम नहीं करते, तो अमेरिका उनके व्यापार पर 350 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाएगा।
ट्रंप ने कहा, 'मैंने दोनों देशों से कहा कि अगर लड़ाई करनी है, तो करो, लेकिन 350% टैरिफ के बाद तुम अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाओगे।' उन्होंने यह भी बताया कि इस धमकी के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने उनसे संपर्क किया और अनुरोध किया कि ऐसे कठोर आर्थिक कदम न उठाए जाएं।
फोन कॉल का दिलचस्प दावा
ट्रंप ने आगे बताया कि उन्होंने अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट को निर्देश दिया था कि जरूरत पड़ने पर वे टैरिफ लागू करने के आदेश तैयार रखें। उनके अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स के सामने उन्हें फोन कर 'लाखों लोगों की जान बचाने' के लिए धन्यवाद दिया।
इसके बाद, ट्रंप का दावा है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया। ट्रंप के अनुसार, मोदी ने कहा कि 'हमने काम पूरा कर लिया है।' जब ट्रंप ने पूछा 'कौन-सा काम?' तो मोदी ने कहा, 'हम युद्ध में नहीं जा रहे।' ट्रंप ने कहा कि यह सुनकर उन्होंने मोदी को धन्यवाद दिया और बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब वे दोनों देश मिलकर अच्छा व्यापार समझौता कर सकते हैं।
ट्रंप का बार-बार दोहराया गया दावा
ट्रंप ने मंच से यह भी कहा कि उन्होंने दुनिया में कई संघर्षों को रोकने में योगदान दिया है और लाखों जिंदगियां बचाई हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव में अपनी भूमिका का दावा किया है। पिछले कुछ महीनों में वह 60 से अधिक बार यह बातें सार्वजनिक रूप से दोहरा चुके हैं।
जब 10 मई को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने 'पूर्ण और तत्काल' युद्धविराम पर सहमति बनाई है, तभी से उन्होंने यह बयान कई बार दोहराया है।
भारत का स्पष्ट रुख
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान के साथ तनाव कम करने में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। भारत का कहना है कि 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद, जिसमें पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया गया था, हालात गंभीर थे। लेकिन 10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधी बातचीत के बाद तनाव घटाने का निर्णय हुआ।