क्या डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात से व्यापारिक तनाव कम होगा?
महत्वपूर्ण बैठक का आगाज
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच छह साल बाद पहली बार आमने-सामने मुलाकात होने जा रही है। यह बैठक गुरुवार को दक्षिण कोरिया के बुसान में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान होगी। दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बीच यह वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुलाकात की पृष्ठभूमि
यह बैठक कई महीनों की बातचीत का परिणाम है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि दोनों देश दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर संभावित चीनी प्रतिबंधों से बचने का प्रयास कर रहे हैं, जो वैश्विक उद्योगों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके बदले, चीन अमेरिकी सोयाबीन की खरीद को फिर से शुरू कर सकता है, जो अमेरिकी किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
व्यापार युद्ध की नई लहर
हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर से तेज हो गया है। बीजिंग ने उच्च तकनीकी उत्पादों और रक्षा से जुड़े दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसके जवाब में, ट्रंप प्रशासन ने चीनी निर्यात पर 100% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
हालांकि, ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि चीन फेंटेनाइल से संबंधित दवाओं के निर्माण में उपयोग होने वाले रसायनों पर अंकुश लगाता है, तो अमेरिका टैरिफ कम करने पर विचार कर सकता है।
संभावित नए समझौते
टैरिफ और व्यापारिक तनाव के अलावा, दोनों नेताओं की बातचीत में टिकटॉक जैसे डिजिटल मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। अमेरिका ने इस ऐप के संचालन को लेकर सख्त रुख अपनाया है और इसकी मूल कंपनी से अमेरिकी संचालन को बेचने की मांग की है। ट्रंप ने संकेत दिया कि इस विषय पर कोई अंतिम निर्णय शी जिनपिंग के साथ वार्ता में लिया जा सकता है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच नए संवादों की श्रृंखला की शुरुआत कर सकती है, जिसमें भविष्य में पारस्परिक यात्राएं और नियमित वार्ताएं शामिल होंगी।
कूटनीतिक तात्कालिकता
कई पुराने व्यापारिक और टैरिफ समझौतों की अवधि 10 नवंबर को समाप्त हो रही है, जिससे इस बातचीत का महत्व और बढ़ गया है। पहले हुए समझौतों के तहत अमेरिका ने अपने जवाबी टैरिफ को लगभग 55% तक घटाया था, जबकि चीन ने अपने निर्यात शुल्क को 10% तक कम किया था। अब बीजिंग अमेरिकी तकनीक पर लगे निर्यात नियंत्रणों और बंदरगाह शुल्कों में रियायत की उम्मीद कर रहा है।
एशिया यात्रा का समापन
बुसान शिखर सम्मेलन ट्रंप की पांच दिवसीय एशियाई यात्रा का अंतिम पड़ाव है। इस दौरान उन्होंने जापान और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ ऐसे समझौते किए हैं जिनका उद्देश्य चीन पर निर्भरता घटाना और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाना है। हालांकि, क्षेत्रीय तनाव अब भी गहराते जा रहे हैं।
चीन का सकारात्मक रुख
बैठक से पहले, चीन ने संवाद के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि बीजिंग अमेरिका के साथ मिलकर "सकारात्मक और रचनात्मक परिणामों" के लिए काम करने को तैयार है।