क्या डोनाल्ड ट्रंप पर लगे बलात्कार के आरोप सच हैं? न्याय विभाग ने किया खंडन
न्याय विभाग का स्पष्ट खंडन
अमेरिका के न्याय विभाग ने हाल ही में जारी किए गए दस्तावेजों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगे बलात्कार के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इन दस्तावेजों को एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत सार्वजनिक किया गया है, जिसमें एपस्टीन से जुड़े अपराधों के सरकारी रिकॉर्ड शामिल हैं।
ट्रंप और एपस्टीन पर गंभीर आरोप
इन दस्तावेजों में एक महिला का बयान है, जिसने ट्रंप और एपस्टीन पर बलात्कार का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, एक लिमोसिन ड्राइवर का बयान भी है, जिसमें उसने ट्रंप को एपस्टीन के साथ एक लड़की के बारे में बात करते हुए सुना था।
ये आरोप 2020 के चुनाव से पहले एफबीआई को दिए गए थे। दस्तावेजों में यह भी उल्लेख है कि ट्रंप ने एपस्टीन के निजी जेट में कई बार यात्रा की, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं प्रस्तुत किया गया। आरोप लगाने वाली महिला की बाद में गोली लगने से मृत्यु हो गई।
न्याय विभाग की कड़ी प्रतिक्रिया
न्याय विभाग ने इन आरोपों को 'असत्य और सनसनीखेज' करार दिया है। विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि यदि इनमें कोई सच्चाई होती, तो पहले ही ट्रंप के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जाता।
एक प्रेस विज्ञप्ति में विभाग ने स्पष्ट किया कि फाइलों में अप्रमाणित जानकारी है, और एफबीआई या अभियोजकों ने ट्रंप पर कोई संदेह नहीं जताया। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि इन दस्तावेजों में शामिल होने से कोई आरोप सही नहीं हो जाता।
ट्रंप और एपस्टीन का पुराना संबंध
ट्रंप और एपस्टीन 2000 के दशक में सामाजिक रूप से जुड़े थे, लेकिन दस्तावेज उन्हें किसी अपराध से नहीं जोड़ते। एक ईमेल में उल्लेख है कि ट्रंप ने एपस्टीन के जेट में अधिक बार यात्रा की, जब घिसलेन मैक्सवेल जांच के घेरे में थीं। मैक्सवेल को बाद में यौन तस्करी के आरोप में दोषी ठहराया गया।
ट्रंप ने इन खुलासों को 'ध्यान भटकाने वाला' बताया और फ्लोरिडा में अपने रिसॉर्ट पर कहा कि ऐसी सामग्री से लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।
न्याय विभाग पर आरोप
इन दस्तावेजों को भारी संपादन के बाद जारी किया गया है, ताकि पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस बैच में 30,000 पृष्ठ थे, और आने वाले हफ्तों में लाखों और दस्तावेज जारी किए जाएंगे। डेमोक्रेट सांसदों ने न्याय विभाग पर मामले दबाने का आरोप लगाया है, लेकिन विभाग ने इसे खारिज कर दिया। ट्रंप ने हाल ही में इस पारदर्शिता कानून पर हस्ताक्षर किए, हालांकि पहले वे इसका विरोध कर रहे थे।