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क्या पाकिस्तान अब भी भारतीय हमलों से उबर नहीं पाया? जानें ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन के सीमित युद्ध को छह महीने हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान अब भी भारतीय हमलों से हुए नुकसान से उबर नहीं पाया है। ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था। जानें नूर खान एयरबेस और जैकोबाबाद की स्थिति, और कैसे भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचों को कमजोर करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का संचालन किया। क्या पाकिस्तान अब भी इस स्थिति से उबरने में असमर्थ है? इस लेख में विस्तार से जानें।
 

भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित युद्ध के छह महीने बाद


नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सीमित संघर्ष को अब छह महीने हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी भी भारतीय हमलों से हुए नुकसान से पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। यह जानकारी ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विशेषज्ञों की रिपोर्टों से सामने आई है, जिन्होंने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें किराना हिल्स में स्थित परमाणु हथियारों का भंडार भी शामिल था।


नूर खान एयरबेस पर निर्माण कार्य

OSINT विशेषज्ञ डेमियन साइमन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस पर एक नई सुविधा का निर्माण कर रहा है। यह वही स्थान है जो भारतीय हमलों का मुख्य लक्ष्य था। साइमन ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि उपग्रह चित्रों से स्पष्ट है कि यह निर्माण कार्य हाल ही में शुरू हुआ है, संभवतः क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए।


सामरिक महत्व वाले ठिकाने पर भारत का हमला

नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमले को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया था, क्योंकि यह पाकिस्तान के स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीजन के निकट स्थित है, जो परमाणु हथियारों के प्रबंधन का कार्य करता है। साइमन ने 16 नवंबर को साझा किए गए अपने पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तान वहीं नई सुविधा बना रहा है, जहां मई 2025 के संघर्ष के दौरान भारतीय मिसाइलें गिरी थीं। इससे यह संकेत मिलता है कि क्षति गंभीर थी और इसे ठीक करने में समय लगेगा।


जैकोबाबाद एयरबेस की स्थिति

उत्तरी सिंध के जैकोबाबाद एयरबेस की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। भारतीय हमले में प्रभावित भारी-भरकम हैंगर की मरम्मत अभी भी जारी है। उपग्रह तस्वीरों से संकेत मिलता है कि हैंगर की छत को चरणबद्ध तरीके से हटाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई गई होगी ताकि पुनर्निर्माण से पहले आंतरिक संरचना की क्षति का पूरा मूल्यांकन किया जा सके। साइमन ने 15 नवंबर को बताया कि तस्वीरें कई महीनों में धीरे-धीरे छत हटने की पुष्टि करती हैं।


भारत ने दस प्रमुख पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया

नूर खान और जैकोबाबाद के अलावा, भारतीय सेना ने कुल 10 प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। इनमें पाकिस्तान वायु सेना के मुरीद, रफीकी, मुशफ, भोलारी, कादरिम, सियालकोट और सुक्कुर एयरबेस शामिल थे। यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक क्षेत्रों पर किए गए हमलों के जवाब में की गई थी।


पहलगाम हमले के जवाब में भारत का सटीक प्रहार

भारतीय हमलों के बाद, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस समेत कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। यह स्वीकारोक्ति भारत के हमलों की सटीकता और प्रभाव को प्रमाणित करती है।


भारत ने मई 2025 में यह कार्रवाई पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में की थी, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुटों की भूमिका सामने आई थी। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य ढांचों, विशेषकर हवाई ठिकानों को कमजोर करना और उसकी हमलावर क्षमता को सीमित करना था।