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क्या भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद किया? ट्रंप के दावे पर भारत का स्पष्टीकरण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है। ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत के साथ अपने संबंधों को भी उजागर किया। जानें इस मुद्दे पर ट्रंप का क्या कहना है और भारत ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है।
 

भारत और अमेरिका के संबंधों पर ट्रंप की टिप्पणी


भारत-अमेरिका संबंध: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदने का निर्णय लिया है। हालांकि, उन्होंने नाटो सदस्य हंगरी की स्थिति को उसके रूसी तेल पर निर्भरता के लिए मजबूरी बताया।


यूक्रेन युद्ध पर चर्चा में भारत का जिक्र

व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के साथ बैठक के दौरान, ट्रंप ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत ने पहले ही रूस से तेल आयात में कमी की है। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नाटो देश रूसी ऊर्जा पर निर्भरता समाप्त कर दें, तो वे कूटनीतिक दबाव और व्यापारिक प्रतिबंधों के माध्यम से यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकते हैं।


हंगरी पर ट्रंप का नरम रुख

जब चर्चा हंगरी की ओर मुड़ी, तो ट्रंप का सुर बदल गया। उन्होंने कहा कि हंगरी की स्थिति अलग है क्योंकि उसके पास तेल आयात के लिए केवल एक पुरानी पाइपलाइन है। ट्रंप ने कहा कि हंगरी एक कठिन स्थिति में है और उनके लिए वैकल्पिक रास्तों से तेल प्राप्त करना मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि हंगरी ने भी रूसी तेल पर निर्भरता कम की है।


विक्टर ओर्बन की प्रशंसा

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने हाल ही में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन से बातचीत की और उन्हें "महान नेता" कहा। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह आने वाले हफ्तों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बुडापेस्ट में मिलने की योजना बना रहे हैं।


मोदी से बातचीत का दावा

बुधवार को ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करेगा। उन्होंने इसे यूक्रेन युद्ध में रूस को अलग-थलग करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। ट्रंप ने कहा कि उन्हें यह जानकर अच्छा नहीं लगा कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि यह अब समाप्त होगा।


भारत को भरोसेमंद साझेदार बताया

ऊर्जा नीति पर मतभेदों के बावजूद, ट्रंप ने भारत को एक करीबी साझेदार बताया। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह चीन के साथ तनाव के बीच भारत को भरोसेमंद साथी मानते हैं, तो ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके दोस्त हैं और उनके बीच अच्छे संबंध हैं।


भारत का स्पष्टीकरण

हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई फोन वार्ता नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें हाल में किसी बातचीत की जानकारी नहीं है।