क्वाड देशों की बीजिंग में ऐतिहासिक बैठक: क्या है चीन की प्रतिक्रिया?
क्वाड देशों की महत्वपूर्ण बैठक
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राजदूतों ने बीजिंग में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जो कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) से संबंधित है। यह बैठक मंगलवार को अमेरिकी दूतावास में आयोजित की गई, जिसकी जानकारी अमेरिकी राजदूत डेविड परड्यू ने सोशल मीडिया पर साझा की।
चीन का विरोध और कूटनीतिक महत्व
चीन ने लंबे समय से क्वाड का विरोध किया है, इसलिए इस बैठक को कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, चीन की ओर से इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि क्वाड एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली सकारात्मक ताकत है। उन्होंने अपने ऑस्ट्रेलियाई, भारतीय और जापानी समकक्षों के साथ इस बैठक को उपयोगी बताया।
भारत का प्रतिनिधित्व
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीर में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत अन्य तीन देशों के राजदूतों के साथ दिखाई दिए। हालांकि, भारतीय दूतावास ने इस बैठक के संबंध में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।
चीन का रुख और क्वाड की आलोचना
चीन ने पहले भी क्वाड के खिलाफ अपनी आपत्तियां जताई हैं। बीजिंग का मानना है कि वह किसी भी प्रकार की गुटबाजी और सैन्य ध्रुवीकरण के खिलाफ है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा था कि देशों के बीच सहयोग किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाकर नहीं होना चाहिए।
भारत की सैन्य योजनाएं
इस बीच, भारत लगभग 80 सैन्य परिवहन विमानों की खरीद की योजना बना रहा है। अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने अपने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान को इस प्रक्रिया में एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश किया है।
कंपनी का दावा है कि ये विमान भारत की सामरिक हवाई क्षमता को मजबूत करेंगे और क्वाड देशों के बीच सैन्य तालमेल को बढ़ावा देंगे।
लॉकहीड मार्टिन का भारत में निवेश
लॉकहीड मार्टिन के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि यदि उन्हें यह सौदा मिलता है, तो वे भारत में सी-130जे विमानों के निर्माण के लिए एक बड़ा उत्पादन केंद्र स्थापित कर सकते हैं। यह अमेरिका के बाहर इस तरह की पहली वैश्विक सुविधा होगी।