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ग़ाज़ा में ईद-उल-अज़हा: परंपराएं धुंधली, भूख का संकट गहरा

ग़ाज़ा पट्टी में इस वर्ष ईद-उल-अज़हा का माहौल बेहद अलग है। मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के बजाय, लोग मलबे के बीच नमाज़ पढ़ रहे हैं। खाद्य संकट और महंगाई ने परंपराओं को धुंधला कर दिया है। पारले-जी बिस्किट की कीमत ₹2,400 तक पहुंच गई है, और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि सितंबर तक 5 लाख लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना करेंगे। जानें इस संकट के पीछे की वजहें और हमास की भूमिका।
 

ग़ाज़ा में ईद का नया चेहरा

ग़ाज़ा पट्टी में इस वर्ष ईद-उल-अज़हा की सुबह एक अनोखी स्थिति का सामना कर रही है। पहले जहां मस्जिदों में नमाज़ अदा की जाती थी, अब वहां केवल मलबा और सुनसान जगहें हैं। लोग अब उन स्थानों पर नमाज़ पढ़ रहे हैं, जो कभी स्कूल, धार्मिक स्थल या घर हुआ करते थे। युद्धविराम की कोई उम्मीद नहीं दिखती, और खाद्य संकट अपने चरम पर है।


भूख और परंपराओं का संकट

परंपराएं धुंधली, भूख हावी

ईद से जुड़ी परंपराएं जैसे बलि, दावतें और बच्चों के लिए उपहार अब केवल यादें बनकर रह गई हैं। अब हर बातचीत का केंद्र एक ही चिंता है, क्या खाने के लिए कुछ मिलेगा या नहीं।


महंगाई की मार

जरूरी चीज़ें बनीं विलासिता

ग़ज़ा में वायरल हुई एक पोस्ट के अनुसार, पारले-जी बिस्किट की कीमत 24 यूरो यानी लगभग ₹2,400 तक पहुंच गई है। इसके अलावा, लगभग हर आवश्यक वस्तु की कीमतें आसमान छू रही हैं:

खाना पकाने का तेल (1 लीटर): ₹4,177

चीनी (1 किलो): ₹4,914

दूध पाउडर (1 किलो): ₹860

आटा (1 किलो): ₹1,474

नमक (1 किलो): ₹491

भिंडी (1 किलो): ₹1,106

बत्तख का मांस (1 किलो): ₹737

टमाटर (1 किलो): ₹1,106

प्याज (1 किलो): ₹4,423

आलू (1 किलो): ₹1,966

बैंगन (1 किलो): ₹860

नींबू (1 किलो): ₹1,474

दाल (1 किलो): ₹860

कॉफी (1 कप): ₹4,423

बकरे का डिब्बा बंद मांस: ₹4,914


आर्थिक संकट और भूख

रोज़गार खत्म, महंगाई की मार

ग़ज़ा में आज लोगों के पास कोई स्थिर आय नहीं है, जिससे ये कीमतें उनकी पहुंच से बाहर हो गई हैं। जीवन अब केवल जीवित रहने की कोशिश बन गया है।


हमास का नियंत्रण

हमास लूट रहा है मदद

इजराइली प्रवक्ता गाय नीर का कहना है कि हमास सहायता सामग्री को अपने नियंत्रण में लेकर महंगे दामों पर जनता को बेच रहा है। उनके अनुसार, अब तक भेजे गए लगभग 80% सहायता ट्रक लूट लिए गए हैं।


संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने चेतावनी दी है कि सितंबर तक लगभग 5 लाख ग़ज़ावासी "गंभीर खाद्य संकट" का सामना करेंगे। यह भूख की उस स्थिति की ओर इशारा करता है, जो अकाल से पहले आती है।