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गाजा संघर्ष के समाधान के लिए यूएनएससी ने ट्रंप के शांति योजना को दी मंजूरी

गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की शांति योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती और एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र की संभावनाओं पर विचार किया गया है। हालांकि, दक्षिणी गाजा में इजराइली ड्रोन हमले की घटनाएं भी सामने आई हैं। जानें इस योजना के मुख्य बिंदुओं और गाजा के भविष्य पर इसके प्रभाव के बारे में।
 

गाजा में शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम

गाजा में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में 17 नवंबर को एक महत्वपूर्ण घटना घटी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के तहत, क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती की जाएगी और भविष्य में एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। अमेरिका की इस योजना के समर्थन में 13 मत मिले, जबकि रूस और चीन ने मतदान से दूरी बनाई और रूस ने एक वैकल्पिक प्रस्ताव पेश किया। अमेरिका और अन्य देशों को उम्मीद थी कि रूस अपने वीटो का उपयोग नहीं करेगा। यह मतदान युद्धविराम के बाद स्थिरता लाने और इजराइल-हमास संघर्ष के बाद गाजा के भविष्य की दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण कदम था।


दक्षिणी गाजा में हमले की घटनाएँ

दक्षिणी गाजा के खान यूनिस क्षेत्र में बानी सुहैला के पास एक इजराइली ड्रोन हमले में एक महिला और उसके बच्चे को चोटें आई हैं। यह हमला युद्धविराम के बावजूद हुआ है और दक्षिणी गाजा में कई अन्य हमलों के बीच एक नई घटना है। वहीं, इजरायल की रेस्क्यू सर्विस ने बताया कि वेस्ट बैंक में एक हमले में एक इजरायली नागरिक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हुए। यह हमला यरूशलम के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में हुआ, जिसमें हमलावर ने पहले वाहनों को टक्कर मारी और फिर चाकू से हमला किया। मृतक की उम्र लगभग तीस वर्ष बताई गई है और घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।


ट्रंप की योजना के मुख्य बिंदु

ट्रंप की योजना में यह भी उल्लेख किया गया है कि गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल तैनात किया जाएगा, जो वहां से हथियार हटाएगा और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। इसके अलावा, एक शांति बोर्ड का गठन किया जाएगा जो इस प्रक्रिया की निगरानी करेगा, हालांकि इसमें शामिल सदस्यों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं है। यूएनएससी की वोटिंग में 15 में से 13 देशों ने इस योजना का समर्थन किया, जबकि रूस और चीन ने मतदान से दूरी बनाए रखी। अमेरिका के यूएन राजदूत माइक वाल्ट्स ने कहा कि गाजा की स्थिति अत्यंत गंभीर है और यह प्रस्ताव वहां के लोगों के लिए एक जीवन रेखा है। ट्रंप ने इस योजना के पारित होने को ऐतिहासिक बताया और कहा कि वह स्वयं शांति बोर्ड का संचालन करेंगे।