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चांद पर उल्कापिंड के टकराने से हुआ विस्फोट, खगोलज्ञों में हलचल

30 अक्टूबर को चांद पर एक तेज धमाका हुआ, जिसे जापानी खगोलज्ञ ने कैमरे में कैद किया। यह घटना चांद पर उल्कापिंडों के टकराने की एक नई चुनौती को उजागर करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह टकराव 'सदर्न' या 'नॉर्दर्न टॉरिड' उल्का वर्षा से संबंधित हो सकता है। इस विस्फोट ने खगोल प्रेमियों को रोमांचित कर दिया है और यह दर्शाता है कि चांद की सतह अब भी सक्रिय है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके वैज्ञानिक महत्व के बारे में।
 

चांद पर विस्फोट की घटना

जैसे-जैसे चांद पर नए मिशनों की तैयारी तेज हो रही है, वहां उल्कापिंडों के टकराने की घटनाएं एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। हाल ही में 30 अक्टूबर की रात को चांद पर एक जोरदार धमाका हुआ, जिसने खगोल विज्ञान की दुनिया को चौंका दिया। यह विस्फोट एक जापानी शौकिया खगोलज्ञ द्वारा कैमरे में कैद किया गया और यह दृश्य धरती से भी स्पष्ट रूप से देखा गया, जैसे आसमान ने कोई रहस्य उजागर किया हो।


धरती से देखी गई चांद पर धमाका

जापान के खगोलज्ञ दैची फुजई ने अपने टेलिस्कोप से चांद की सतह पर एक चमकदार विस्फोट को रिकॉर्ड किया। यह घटना रात 8:33 बजे हुई और कुछ क्षणों तक चली। 270 फ्रेम प्रति सेकंड पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में यह विस्फोट चांद के 'गैसेंडी क्रेटर' के पूर्वी हिस्से में हुआ। चांद पर वायुमंडल न होने के कारण उल्कापिंड सीधे सतह से टकराते हैं, जिससे तेज रोशनी और नया गड्ढा बनता है।


टॉरिड उल्का वर्षा से संबंधित टकराव

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह टकराव संभवतः 'सदर्न' या 'नॉर्दर्न टॉरिड' उल्का वर्षा से जुड़ा हो सकता है। इस दौरान उल्कापिंड लगभग 27 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह से टकराते हैं। प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि टकराने वाला पत्थर लगभग 0.2 किलोग्राम वज़न का था, जिसने लगभग तीन मीटर चौड़ा गड्ढा बनाया।


0.1 सेकंड में नया क्रेटर बना

फुजई के वीडियो के अनुसार, यह विस्फोट लगभग 0.1 सेकंड तक चला और इसकी चमक आठवें परिमाण तक पहुंची, जो एक मध्यम तारे के बराबर मानी जाती है। यह क्षण अत्यंत दुर्लभ था क्योंकि चांद पर ऐसे टकराव का सीधे धरती से देखना बहुत असामान्य है। वैज्ञानिक अब इस क्षेत्र की तस्वीरें नासा के लूनर रीकॉनसेंस ऑर्बिटर से प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।


भविष्य के मिशनों के लिए चेतावनी

यह घटना यह दर्शाती है कि चांद आज भी लगातार अंतरिक्ष मलबे के संपर्क में है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के टकराव भविष्य के मानव मिशनों और चांद पर स्थापित होने वाले बेस के लिए खतरा बन सकते हैं। ऐसे अध्ययन न केवल अंतरिक्ष सुरक्षा को बेहतर बनाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि चांद की सतह अब भी 'जिंदा' है और लगातार बदल रही है।


खगोल प्रेमियों के लिए अद्वितीय दृश्य

इस धमाके की झलक ने विश्वभर के खगोल प्रेमियों को उत्साहित कर दिया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आसमान में प्रतिदिन कुछ नया घटित होता है। चांद पर यह विस्फोट ब्रह्मांड की उस अदृश्य हलचल की झलक है, जो अक्सर हमारी नज़रों से ओझल रहती है।