चीन की रणनीति: भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर करने की कोशिश
पेंटागन की रिपोर्ट में महत्वपूर्ण खुलासे
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इसमें बताया गया है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करके भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। यह रिपोर्ट दिसंबर 2025 में प्रकाशित हुई है।
LAC पर शांति का असली कारण
रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने विवादित क्षेत्रों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति जताई थी। यह घटनाक्रम ब्रिक्स समिट से पहले हुआ, जहां प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की। इसके बाद दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय मासिक वार्ताएं शुरू हुईं।
पेंटागन का मानना है कि चीन इस शांति का लाभ उठाकर भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है, ताकि भारत अमेरिका के करीब न जा सके। हालांकि, भारत चीन के इरादों के प्रति सतर्क है और आपसी अविश्वास अभी भी बना हुआ है।
अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा
चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने 'कोर इंटरेस्ट' का हिस्सा मानता है, जिसमें ताइवान, दक्षिण चीन सागर और सेनकाकू द्वीपों जैसे मुद्दे शामिल हैं। चीन की राष्ट्रीय रणनीति 2049 तक देश को विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनाने की है, जिसके लिए वह एक मजबूत सेना का निर्माण कर रहा है और क्षेत्रीय दावों की रक्षा पर जोर दे रहा है।
पाकिस्तान के साथ बढ़ता सहयोग
रिपोर्ट में चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे सैन्य संबंधों का भी उल्लेख किया गया है। दोनों देशों ने मिलकर JF-17 लड़ाकू विमान विकसित किए हैं। मई 2025 तक, चीन ने पाकिस्तान को 20 J-10C जेट प्रदान किए थे। भविष्य में, चीन अपनी नौसेना के हथियारों और जहाजों का निर्यात बढ़ा सकता है। पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जहां चीन सैन्य अड्डा स्थापित कर सकता है, जिससे भारत के लिए दो मोर्चों पर चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं।
पेंटागन की यह रिपोर्ट इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की रणनीति को स्पष्ट करती है। LAC पर शांति एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन चीन की दोहरी नीति—एक ओर भारत से बातचीत और दूसरी ओर पाकिस्तान को मजबूत करना—भारत के लिए सतर्क रहने का संकेत है।