चीन की सैन्य गतिविधियों से ताइवान में बढ़ा तनाव, क्या है असली वजह?
एशिया में बढ़ता तनाव
इस समय दुनिया के कई हिस्सों में ठंड का मौसम है, लेकिन एशिया में तनाव की स्थिति तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण चीन की सैन्य गतिविधियाँ हैं, जो ताइवान और उसके आस-पास के देशों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
चीन की सैन्य तैनाती
चीन ने अपनी थल सेना, नौसेना और वायुसेना को ताइवान के निकट के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तैनात कर दिया है। चीनी सेना ताइवान की सीमा के करीब युद्धाभ्यास कर रही है, जिसमें फाइटर जेट्स और अन्य सैन्य विमान शामिल हैं। इस स्थिति के कारण ताइवान के आस-पास के हवाई क्षेत्र में सामान्य विमानों की आवाजाही पर रोक लगानी पड़ी है।
उड़ानों पर असर
ताइवान की एयर अथॉरिटीज ने बताया कि चीन की सैन्य गतिविधियों के चलते कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। इससे लगभग एक लाख यात्रियों पर असर पड़ने की संभावना है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और एयरलाइंस को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अमेरिका का हथियार सौदा
हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को 11 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी है, जिससे चीन की नाराजगी और बढ़ गई है। चीन ताइवान को अपने 'वन चाइना पॉलिसी' के तहत अपना हिस्सा मानता है और किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का विरोध करता है। अमेरिका की मदद को चीन अपनी संप्रभुता में दखल के रूप में देख रहा है।
चीन का सख्त रुख
जापान के बयान के बाद, चीन के नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि ताइवान को चीन के अधीन आ जाना चाहिए। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका या जापान का नाम नहीं लिया, लेकिन यह कहा गया कि अमेरिका की मदद से ताइवान अलग होने की कोशिश कर रहा है।
ताइवान की तैयारी
ताइवान ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। ताइवान की सरकार ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
चीन पर आरोप
ताइवान ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को खतरे में डाल रहा है। ताइवान के रक्षा अधिकारियों का कहना है कि चीनी सेना ने चारों दिशाओं से ताइवान को घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की है कि ताइवान की खाड़ी के साथ-साथ उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा में सैन्य गतिविधियाँ चल रही हैं। वर्तमान में स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है और पूरी दुनिया की नजरें चीन-ताइवान तनाव पर टिकी हुई हैं।