जापान में भालू के मांस की बढ़ती मांग और इसके प्रभाव
भालू के मांस की मांग में वृद्धि
नई दिल्ली: जापान में भालू के मांस की मांग में तेजी आई है, विशेष रूप से भालू के हमलों में वृद्धि के कारण। चिचिबु शहर के एक रेस्टोरेंट के मालिक कोजी सुजुकी इस बढ़ती मांग को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनका रेस्टोरेंट भालू के मांस से बनी कई डिशें पेश करता है, जैसे ग्रिल्ड मांस और हॉट पॉट। यह मांस उन भालुओं से प्राप्त किया जाता है जिन्हें हमलों को रोकने के लिए मारा जाता है।
भालू के हमलों का बढ़ता खतरा
इस वर्ष अब तक भालू के हमलों में 13 लोगों की जान जा चुकी है, जो एक रिकॉर्ड है। भालू की जनसंख्या में वृद्धि के कारण और भी मौतों की आशंका है। जापान में इस साल सबसे अधिक मौतें हुई हैं, जबकि सरकार भालू की संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, भालुओं को मारने की प्रक्रिया बढ़ गई है और उनका मांस खाने का चलन बढ़ा है।
भालू मांस का स्वाद और लोकप्रियता
सुजुकी, जो एक शिकारी भी हैं, का मानना है कि भालू के मांस को रेस्टोरेंट में परोसना उनके प्रति सम्मान है। उन्होंने कहा, 'भालू के मांस को पकाना और परोसना इसे सही दिशा में उपयोग करना है।' उनके रेस्टोरेंट में भालू के मांस के साथ हिरण और जंगली सुअर भी परोसे जाते हैं, लेकिन भालू का मांस इस समय अधिक लोकप्रिय हो गया है।
सरकारी कदम और पारंपरिक व्यंजन
भालू के हमलों को नियंत्रित करने के लिए जापान सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें 9,100 से अधिक भालुओं को मारना शामिल है। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे भविष्य में हमलों को रोका जा सकेगा। भालू का मांस जापान में एक पारंपरिक व्यंजन रहा है, लेकिन अब यह पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था का एक नया स्रोत बन गया है।
भालू के मांस की बिक्री की स्थिति
हालांकि भालू के मांस की बिक्री में वृद्धि हो रही है, लेकिन यह पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं है। जापान में भालू के मांस को प्रोसेस करने के लिए सीमित सरकारी स्वीकृत फैक्ट्रियां हैं, जिससे इसका एक बड़ा हिस्सा बेकार हो जाता है। फिर भी, कुछ रेस्टोरेंट्स, जैसे काकुता का रेस्टोरेंट, भालू के मांस का उपयोग कर रहे हैं और इसे स्थानीय होटलों में भी सप्लाई कर रहे हैं।
यह ट्रेंड अब जापान के विभिन्न हिस्सों में फैल रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में भालू के मांस की खपत और बढ़ सकती है, खासकर जब यह स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा दे रहा हो।