जो बाइडेन का प्रोस्टेट कैंसर: स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना
जो बाइडेन का स्वास्थ्य संकट
जो बाइडेन प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन एक बार फिर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 82 वर्षीय बाइडेन वर्तमान में प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी का सहारा ले रहे हैं, जो लगभग पांच हफ्तों तक चलेगा।
पिछली सर्जरी का विवरण
इससे पहले, सितंबर में, उन्होंने त्वचा से कैंसर सेल्स हटाने के लिए सर्जरी करवाई थी। चिकित्सकों के अनुसार, बाइडेन का कैंसर हड्डियों तक फैल चुका है, लेकिन यह हार्मोन-सेंसिटिव है, जिससे इसका इलाज संभव है।
कैंसर का पता चलना
मई में कैंसर का खुलासा
जो बाइडेन को मई में प्रोस्टेट कैंसर का पता चला था। उनके प्रवक्ता ने बताया था कि कैंसर मेटास्टेसाइज होकर हड्डियों तक फैल चुका है और यह हार्मोन-सेंसिटिव प्रकार का है। अब, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन ने रेडिएशन थेरेपी शुरू कर दी है, जो अगले पांच हफ्तों तक चलेगी। इसके साथ ही, उन्हें हार्मोन ट्रीटमेंट भी दिया जा रहा है ताकि कैंसर की प्रगति को रोका जा सके।
सर्जरी और उपचार
सितंबर में सर्जरी
सितंबर की शुरुआत में, बाइडेन ने मोह्स सर्जरी करवाई थी, जिसमें त्वचा से कैंसर सेल्स हटाए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की सर्जरी त्वचा पर मौजूद प्रारंभिक कैंसर के इलाज में बहुत प्रभावी होती है। हालांकि, बाइडेन के मामले में प्रोस्टेट कैंसर का असर गहराई में पाया गया, जिसके कारण उन्हें अब रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी दी जा रही है।
उपचार की प्रक्रिया
हार्मोन थेरेपी का महत्व
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, हड्डियों में फैल चुके प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में रेडिएशन और हार्मोन ट्रीटमेंट दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। हार्मोन थेरेपी के माध्यम से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम किया जाता है, जिससे कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोका जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडेन का कैंसर 'हार्मोन सेंसिटिव' होने के कारण इस उपचार से उन्हें राहत मिलने की संभावना है।
बाइडेन का व्यक्तिगत अनुभव
कैंसर से व्यक्तिगत संबंध
जो बाइडेन का कैंसर से पुराना रिश्ता रहा है। 2015 में उन्होंने अपने बेटे ब्यू बाइडेन को ब्रेन कैंसर में खो दिया था। अपने हालिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'कैंसर हर किसी को प्रभावित करता है। जिल और मैंने सीखा है कि हम सबसे मजबूत तब होते हैं जब ज़िंदगी हमें तोड़ती है।' बाइडेन की सेहत पर पहले से ही ध्यान केंद्रित था, खासकर उस किताब के बाद जिसमें उनके शारीरिक स्वास्थ्य और राजनीतिक थकान का जिक्र था। पिछले साल जुलाई में, बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से हटने का ऐलान किया था और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।