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ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात से रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति की नई उम्मीद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की हालिया मुलाकात ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति की नई संभावनाएं प्रस्तुत की हैं। दोनों नेताओं ने शांति समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की बात की, जबकि कुछ जटिल मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी और जनमत संग्रह की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस मुलाकात के बाद, आगे की बातचीत की संभावनाएं भी बनी हुई हैं। जानें इस महत्वपूर्ण मुलाकात के प्रमुख बिंदु और चुनौतियां।
 

शांति की दिशा में नई पहल


नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच 28 दिसंबर 2025 को फ्लोरिडा के पाम बीच में स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हुई मुलाकात ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की संभावनाओं को फिर से जीवित किया है। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शांति समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, हालांकि कुछ जटिल मुद्दे अभी भी हल नहीं हुए हैं।


यह संघर्ष फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ था और अब यह चार साल की ओर बढ़ रहा है।


मुलाकात से पहले, ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो घंटे से अधिक समय तक फोन पर चर्चा की, जिसे उन्होंने 'उत्पादक' बताया। ट्रंप के अनुसार, पुतिन भी युद्ध समाप्त करने के इच्छुक हैं और यूक्रेन के पुनर्निर्माण में सहायता करने के लिए तैयार हैं, जिसमें सस्ती ऊर्जा आपूर्ति भी शामिल है। जेलेंस्की ने ट्रंप की टीम की प्रशंसा की और कहा कि 20-सूत्री शांति प्रस्ताव पर 90 प्रतिशत सहमति बन चुकी है, जिसमें सुरक्षा गारंटी, आर्थिक पुनर्निर्माण और युद्धविराम जैसे बिंदु शामिल हैं।


जेलेंस्की की प्रमुख मांगें

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी पर जोर दिया, जो अमेरिका और यूरोप से नाटो जैसी मजबूत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति योजना पर यूक्रेन, अमेरिका, रूस और यूरोप के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की जल्द बैठक की आवश्यकता है। जेलेंस्की ने प्रस्तावित समझौते को यूक्रेन में जनमत संग्रह के माध्यम से मंजूरी दिलाने की बात की, जिसके लिए कम से कम 60 दिनों का युद्धविराम जरूरी होगा। वे रूस के साथ संवाद के लिए खुले हैं, लेकिन क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेंगे।


मुख्य चुनौतियां

पूर्वी डोनबास क्षेत्र का विवाद सबसे बड़ा है। यूक्रेन इसे विसैन्यीकृत मुक्त आर्थिक क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव दे रहा है, जबकि रूस पूरे क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है। इसके अलावा, ज़ापोरिज़िया न्यूक्लियर प्लांट का नियंत्रण भी अनसुलझा है। ट्रंप ने स्वीकार किया कि 'एक-दो कांटेदार मुद्दे' बाकी हैं, लेकिन वे समझौते के 'बहुत करीब' हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समझौता नहीं हुआ, तो रूस और क्षेत्र पर कब्जा कर सकता है।


यह मुलाकात अमेरिकी मध्यस्थता की एक नई कोशिश है, जिसमें ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और जैरेड कुशनर शामिल हैं। आने वाले हफ्तों में वाशिंगटन या अन्य स्थानों पर आगे की बातचीत हो सकती है। दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की, लेकिन रूस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की मंजूरी के बिना कोई समझौता पूरा नहीं होगा। उम्मीद है कि ये प्रयास यूरोप में स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।