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ट्रंप ने ओसामा बिन लादेन के बारे में चेतावनी दी थी: समारोह में बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में नॉरफॉक में एक समारोह में ओसामा बिन लादेन के बारे में अपनी चेतावनी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक साल पहले ही लादेन के बारे में लिखा था, जो 9/11 से पहले की बात है। ट्रंप ने अपने दावों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें इस चेतावनी के लिए श्रेय मिलना चाहिए। जानें उनके बयानों का ऐतिहासिक संदर्भ और कैसे यह उनके सार्वजनिक बयानबाजी का हिस्सा है।
 

ओसामा बिन लादेन पर ट्रंप की चेतावनी

ओसामा बिन लादेन के बारे में ट्रंप की चेतावनी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को नॉरफॉक में नौसेना के 250वें समारोह में कहा कि उन्होंने ओसामा बिन लादेन के बारे में अपने लिखित पन्नों में पहले ही चेतावनी दी थी, जो कि 9/11 के हमलों से एक साल पहले की बात है। ट्रंप ने अपनी दूरदर्शिता का श्रेय लेने से नहीं चूके और कहा कि मीडिया या इतिहास उन्हें इस श्रेय से वंचित नहीं रख सकता।


जब ट्रंप ने समारोह में उपस्थित नौसेना कर्मियों को संबोधित किया, तो उन्होंने कहा, 'और इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि सील्स ने ओसामा बिन लादेन के परिसर में धावा बोला था और उसे मार गिराया था, याद है?' उन्होंने आक्रोश के साथ कहा कि उन्होंने अपनी किताब में पहले ही अल-कायदा नेता का जिक्र किया था और लोगों को उस पर नजर रखने की सलाह दी थी।


किताब का संदर्भ और श्रेय की मांग

ट्रंप ने अपने भाषण में अपनी किताब का उल्लेख करते हुए कहा, 'और याद रखिए, मैंने ओसामा बिन लादेन के बारे में ठीक एक साल पहले लिखा था... वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बम विस्फोट करने से पहले। मैंने कहा था, 'तुम्हें ओसामा बिन लादेन पर नजर रखनी होगी।' और झूठी खबरें मुझे उस बयान से कभी नहीं बचने देतीं, जब तक कि वह सच न हो।



ट्रंप ने कहा कि उनकी किताब में एक पूरा पन्ना इसी विषय को समर्पित है और इसलिए उन्हें कुछ श्रेय मिलना चाहिए। 'इसलिए, हम थोड़ा श्रेय लेंगे, क्योंकि कोई और मुझे श्रेय नहीं देगा। आप पुरानी कहानी जानते हैं, अगर वे आपको श्रेय नहीं देते हैं, तो आप खुद ही ले लीजिए।' प्रवचन के दौरान ट्रंप ने पीट हेगसेथ का नाम भी लिया और बार-बार 'एक साल पहले' होने पर जोर दिया।


बिन लादेन की मौत और ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर

ट्रंप के बयानों का ऐतिहासिक संदर्भ यह है कि ओसामा बिन लादेन को 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नौसेना के SEAL टीम ने मार गिराया था। यह ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर के रूप में जाना जाता है और इसे तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के आदेश पर अंजाम दिया गया था। ट्रंप ने अपने भाषण में भी उस ऑपरेशन का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास इसे याद रखेगा।


यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसी दावों पर जोर दिया हो। पिछली बार भी उन्होंने ISIS नेता अबू बक्र अल-बगदादी की मौत के बाद कहा था कि उन्होंने संबंधित चेतावनियों को अपनी किताब में शामिल किया था और उन्हें भी श्रेय दिया जाना चाहिए। इस तरह के दावे ट्रंप के सार्वजनिक बयानबाजी के पैटर्न का हिस्सा बन गए हैं, वे बार-बार बताते रहे हैं कि उनकी दूरदर्शिता या तर्कों को रेखांकित किया जाना चाहिए।