डिक चेनी का निधन: अमेरिकी राजनीति के प्रभावशाली नेता का सफर
डिक चेनी का निधन
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने जानकारी दी कि वे निमोनिया और हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण चल बसे।
राजनीतिक करियर की लंबी यात्रा
चेनी ने चार दशकों तक अमेरिकी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उपराष्ट्रपति पद को नई शक्ति दी। उनके परिवार ने उन्हें 'महान और साहसी व्यक्ति' के रूप में याद किया, जिन्होंने देश की सेवा की।
अमेरिकी सत्ता में चेनी का प्रभाव
चेनी का राजनीतिक सफर 40 वर्षों से अधिक का रहा। उन्होंने राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और उनके बेटे जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के अधीन काम किया। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान, उन्होंने इराकी सेना को कुवैत से बाहर खदेड़ने वाली अमेरिकी गठबंधन सेना का नेतृत्व किया।
9/11 के बाद की सुरक्षा नीतियाँ
उपराष्ट्रपति रहते हुए, चेनी ने 2001 के 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की वकालत की और निगरानी नीतियों का समर्थन किया।
उपराष्ट्रपति पद का नया रूप
चेनी का उपराष्ट्रपति कार्यकाल (2001-2009) अमेरिकी इतिहास में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियों में अपनी भूमिका निभाई, जिसमें ऊर्जा नीति और इराक युद्ध शामिल हैं।
इराक युद्ध और घटता प्रभाव
चेनी ने इराक पर अमेरिकी हमले को 'राष्ट्रीय सुरक्षा का अनिवार्य कदम' बताया, लेकिन जैसे-जैसे युद्ध खिंचता गया, उनका प्रभाव कम होता गया।
ट्रंप के साथ टकराव
अपने अंतिम वर्षों में, चेनी ने डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर विरोध किया। उनकी बेटी लिज चेनी ने ट्रंप की आलोचना की, जिसके बाद दोनों को ट्रंप समर्थकों के निशाने पर आना पड़ा।
परिवार के प्रति समर्पण
1941 में नेब्रास्का में जन्मे चेनी ने वायोमिंग में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने 1964 में अपनी स्कूल मित्र लिन से विवाह किया और अपने परिवार के साथ गहराई से जुड़े रहे।