डॉलर की ताकत पर ट्रंप का कड़ा संदेश: वैश्विक चुनौती को युद्ध जैसा मानेंगे
ट्रंप का सख्त बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से वैश्विक मंच पर डॉलर की शक्ति को लेकर एक सख्त रुख अपनाया है। व्हाइट हाउस में हुई एक कैबिनेट मीटिंग में, ट्रंप ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि कोई देश अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा को अपनाने की कोशिश करेगा, तो अमेरिका इसे युद्ध के समान समझेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे देशों को इसकी गंभीर कीमत चुकानी पड़ेगी।
डॉलर का वर्चस्व और वैश्विक युद्ध
ट्रंप ने कहा, "अगर डॉलर का वर्चस्व समाप्त होता है, तो यह किसी विश्व युद्ध में हारने के समान होगा। हम वही देश नहीं रहेंगे, और हम ऐसा नहीं होने देंगे।" उनके इस बयान को BRICS देशों और अन्य अमेरिकी विरोधी अर्थव्यवस्थाओं के प्रयासों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जो डॉलर को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं।
कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप की चेतावनी
कैबिनेट मीटिंग के दौरान, ट्रंप ने जोर देकर कहा, "मैं केवल यह कह रहा हूं कि यदि कोई चुनौती देना चाहता है, तो वह दे सकता है, लेकिन उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।" उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका उन देशों पर भारी टैक्स लगाएगा जो डॉलर के स्थान पर किसी अन्य मुद्रा को बढ़ावा देंगे। यह स्पष्ट किया गया कि यह एक रणनीतिक युद्ध से कम नहीं है।
पूर्व राष्ट्रपति पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "यदि आपके पास पिछली बार जैसा कोई मूर्ख राष्ट्रपति हो, तो आप डॉलर स्टैंडर्ड खो देते हैं। फिर आपके पास डॉलर नहीं बचते और हम विश्व मुद्रा का दर्जा गंवा देते हैं। यह एक युद्ध हारने जैसा होता है।"
डॉलर की स्थिति को बनाए रखने का संकल्प
ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार नीति को आक्रामक बनाए रखने का संकल्प दोहराते हुए कहा, "द डॉलर इज किंग। और हम इसे ऐसे ही बनाए रखेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कई देशों से बात की है और अब वे अमेरिका के सामने झुकने को तैयार हैं।
नए टैरिफ की घोषणा
ट्रंप ने यह भी जानकारी दी कि अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले उत्पादों पर 25% टैक्स लगा दिया है। इसके अलावा, 12 अन्य देशों पर भी नए टैरिफ लगाए गए हैं, जो 1 अगस्त से लागू होंगे। उन्होंने कहा, "सालों तक ये देश हमें लूटते रहे और हमारे पास ऐसा कोई राष्ट्रपति नहीं था जो इसे समझ सके। अब सब कुछ बदल चुका है।"
अमेरिकी प्रतिबंधों और टैरिफ नीति का प्रभाव
ट्रंप के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका अब डॉलर की वैश्विक स्थिति को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। अमेरिकी प्रतिबंधों और टैरिफ नीति का प्रभाव उन देशों पर विशेष रूप से पड़ेगा जो BRICS जैसी यूनियनों के माध्यम से डॉलर से स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहे हैं।