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डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष पर बयान: युद्ध सुलझाने की इच्छा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें युद्ध सुलझाना पसंद है और यह उनका नौवां युद्ध होगा। ट्रंप ने पहले आठ युद्धों को सुलझाने का अनुभव साझा किया और कहा कि उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई है। इस बीच, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया संघर्ष ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। जानें इस मुद्दे पर ट्रंप का क्या कहना है और दोनों देशों के बीच तनाव की वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

ट्रंप का बयान

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें युद्ध सुलझाना पसंद है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि काबुल पर हमला पाकिस्तान द्वारा किया गया था। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए, 79 वर्षीय ट्रंप ने कहा कि यदि वह इस संघर्ष को सुलझाने में सफल होते हैं, तो यह उनका नौवां युद्ध होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पहले उन्हें अमेरिका का संचालन करना होगा।


युद्ध सुलझाने का अनुभव

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पहले आठ युद्धों को सुलझाया है, जैसे कि रवांडा और कांगो के मामले में। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हर बार जब उन्होंने किसी युद्ध को सुलझाया, तो उन्हें नोबेल पुरस्कार का वादा किया गया, लेकिन उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला। उन्होंने कहा, "मुझे जान बचाने की परवाह है, और मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है।"


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है, खासकर जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर टीटीपी आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जबकि अफगानिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है। इसके बाद, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए डूरंड रेखा पर कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया।


युद्धविराम और उसके परिणाम

पाकिस्तानी सरकार को 48 घंटे का युद्धविराम घोषित करना पड़ा। लेकिन शुक्रवार को युद्धविराम की अवधि समाप्त होने पर, पाकिस्तानी सेना ने फिर से अफगानिस्तान पर हमला किया, जिसमें तीन अफगान क्रिकेटरों सहित आठ लोग मारे गए। इस स्थिति के कारण, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला को रद्द करने का निर्णय लिया, जिसमें श्रीलंका भी शामिल था।