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डोनाल्ड ट्रंप का फेंटेनाइल पर ऐतिहासिक निर्णय: क्या है इसका असर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेंटेनाइल ड्रग्स को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित किया है, जिससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस ड्रग के अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, ट्रंप ने गांजे पर सख्ती में कमी लाने की संभावना भी जताई है, जो अमेरिकी ड्रग नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हो सकता है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित किया गया


नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेंटेनाइल ड्रग्स को सामूहिक विनाश का हथियार मानते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ट्रंप ने इस संबंध में एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यह ड्रग अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। उन्होंने कहा कि इसके अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जाएगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि इस ड्रग से होने वाले नुकसान की तुलना किसी बम से नहीं की जा सकती।


गांजे पर सख्ती में कमी की संभावना

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि उनकी सरकार गांजे (मारिजुआना) पर सख्ती को कम करने पर विचार कर रही है, जिससे इस उद्योग को राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय अमेरिकी ड्रग नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।


फेंटेनाइल पर ट्रंप का ऐतिहासिक आदेश

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आज मैं एक ऐतिहासिक आदेश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, जिसके तहत फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार माना जाएगा। उन्होंने बताया कि फेंटेनाइल से होने वाली मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। ट्रंप के अनुसार, हर साल दो से तीन लाख अमेरिकी नागरिकों की मौत इस नशे के कारण होती है, जिससे परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।


फेंटेनाइल की तस्करी का खतरा

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के दुश्मन देश जानबूझकर फेंटेनाइल की तस्करी कर रहे हैं। उनका कहना था कि फेंटेनाइल को अमेरिका भेजने का उद्देश्य अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाना है। उन्होंने फेंटेनाइल की बड़ी खेपों को जब्त करने को प्रगति के सबूत के रूप में पेश किया। ट्रंप ने बताया कि मई में अमेरिका के इतिहास में फेंटेनाइल की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई, जिसमें तीन मिलियन गोलियां शामिल थीं। इसके अलावा, कोलोराडो में पिछले महीने 17 लाख गोलियां जब्त की गईं।


गांजे पर नरमी की संभावना

ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार मारिजुआना को कम खतरनाक ड्रग्स के रूप में वर्गीकृत करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं। बहुत से लोग इसे फिर से वर्गीकृत होते देखना चाहते हैं। इसका कारण यह है कि इससे भारी मात्रा में रिसर्च होती है, जिसे तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे रिक्लासिफाई न किया जाए। इस कदम से अमेरिकी गांजा उद्योग को बड़ा लाभ मिल सकता है और नशे की नीति में बदलाव के संकेत मिलते हैं।


फेंटेनाइल संकट का सामना

फेंटेनाइल संकट अमेरिका की हाल की सबसे गंभीर स्वास्थ्य आपदाओं में से एक बन चुका है। पिछले दशक में सिंथेटिक ओपियोइड के कारण ओवरडोज से होने वाली मौतों में तेजी से वृद्धि हुई है। अमेरिका सहित कई देशों की सरकारें इस समस्या से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं। भारत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे पदार्थों की रोकथाम और अवैध कारोबार के खिलाफ सहयोग कर रहा है।