डोनाल्ड ट्रंप को फिर से नोबेल शांति पुरस्कार से वंचित, मारिया कोरिना मचाडो बनीं विजेता
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा
नोबेल शांति पुरस्कार 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से वंचित रहना पड़ा है। इस वर्ष का पुरस्कार वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं और वर्तमान में छिपकर जीवन बिता रही हैं। पुरस्कार की घोषणा के बाद, ट्रंप की प्रतिक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और मजेदार पोस्ट्स की बाढ़ आ गई। X पर ट्रंप की एडिट की गई तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गए, जिनमें उन्हें नाराज, निराश या गुस्से में दिखाया गया।
सोशल मीडिया पर ट्रंप की प्रतिक्रिया
नोबेल पुरस्कार से वंचित होने पर ट्रंप की निराशा को लेकर इंटरनेट यूजर्स ने कोई मौका नहीं छोड़ा। जहां मचाडो को वेनेजुएला की आयरन लेडी कहा गया, वहीं ट्रंप पर बने मीम्स ने सोशल मीडिया यूजर्स को खूब हंसाया। ट्रंप की झुंझलाहट भरी तस्वीरों को मीम्स में बदला गया और कैप्शन में लिखा गया, 'जब नोबेल फिर से छूट गया।' कुछ वीडियो में लोगों को जश्न मनाते दिखाया गया, मानो ट्रंप का हारना ही कोई जीत हो।
मारिया कोरिना मचाडो का सम्मान
मचाडो बनीं नोबेल विजेता: मारिया कोरिना मचाडो, जिन्हें लोकतंत्र की प्रहरी के रूप में जाना जाता है, को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मचाडो पहले ही मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। उनका यह सम्मान वेनेजुएला में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को मान्यता देता है।
ट्रंप के शांति प्रयासों पर सवाल
ट्रंप के शांति प्रयासों पर उठा सवाल: ट्रंप ने पुरस्कार से पहले खुलकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रचार किया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे कि इजराइल-हमास, आर्मेनिया-अजरबैजान, थाईलैंड-कंबोडिया, और भारत-पाकिस्तान। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कांगो-रवांडा, मिस्र-इथियोपिया, और सर्बिया-कोसोवो के बीच तनाव को भी शांत करने में भूमिका निभाई थी। लेकिन इन दावों पर विशेषज्ञों ने संदेह जताया और ट्रंप की कथित भूमिका की सत्यता पर सवाल खड़े किए।
ट्रंप का दावा
ट्रंप का दावा: ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। इस बार भी उन्होंने पुरस्कार की घोषणा से पहले कहा था कि मैंने जो शांति कार्य किए हैं वह किसी और ने नहीं किए। मुझे यह पुरस्कार चार-पांच बार मिलना चाहिए था।