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डोनाल्ड ट्रंप ने खशोगी हत्या मामले में सऊदी प्रिंस का किया बचाव

डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का समर्थन करते हुए कहा कि खशोगी हत्या में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। इस मुलाकात में अमेरिका और सऊदी अरब के बीच महत्वपूर्ण परमाणु और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। ट्रंप ने खशोगी की विधवा की मांगों का भी जिक्र किया। जानें इस मुलाकात के दौरान क्या-क्या हुआ और इसके पीछे की राजनीति।
 

ट्रंप का सऊदी प्रिंस का समर्थन


नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में प्रिंस को कोई जानकारी नहीं थी।


व्हाइट हाउस में हुई उनकी मुलाकात के दौरान ट्रंप ने इस मुद्दे पर सवाल उठाने को 'असभ्य' करार दिया। इस बीच, दोनों देशों ने एक महत्वपूर्ण परमाणु सहयोग समझौते और एफ-35 लड़ाकू विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण बन गई।


खशोगी हत्या मामले पर ट्रंप का बयान

ट्रंप ने बातचीत के दौरान कहा कि जमाल खशोगी 'काफी विवादित व्यक्ति' थे और उनकी हत्या में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की कोई संलिप्तता नहीं थी। उन्होंने पत्रकारों को चेतावनी दी कि 'अतिथि को शर्मिंदा न करें।' जबकि 2021 की अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह कहा गया था कि हत्या का आदेश प्रिंस ने दिया था। सऊदी प्रशासन ने इसे हमेशा 'दुष्ट एजेंटों' की कार्रवाई बताया है।


खशोगी की हत्या पर प्रिंस का खेद

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने व्हाइट हाउस में कहा कि खशोगी की हत्या 'दर्दनाक' और 'बहुत बड़ी गलती' थी। उन्होंने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इसने दोनों देशों के संबंधों पर गहरा प्रभाव डाला। प्रिंस खशोगी की हत्या के बाद अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर आए थे और इस यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिका में 1 ट्रिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया।


खशोगी की विधवा की मांग

जमाल खशोगी की पत्नी हनान एलातर खशोगी ने सऊदी प्रिंस से मिलने, माफी मांगने और मुआवजे की मांग की थी। यह मामला ट्रंप के पहले कार्यकाल में एक बड़ा कूटनीतिक विवाद बना था, लेकिन ट्रंप अब सऊदी संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल का लाइसेंस रद्द करने की भी मांग की।


अमेरिका-सऊदी के बीच रक्षा और परमाणु समझौते

व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों देशों ने दीर्घकालिक बहु-अरब डॉलर के सिविल न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की भविष्य में डिलीवरी के लिए बड़े रक्षा सौदे को भी मंजूरी दी। दोनों देशों ने एआई तकनीक साझा करने पर भी सहमति जताई, जिसमें अमेरिकी तकनीक की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। इस अवसर पर व्हाइट हाउस में एक भव्य डिनर भी आयोजित किया गया।


इजराइल-सऊदी रिश्तों पर चर्चा

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने सऊदी प्रिंस पर इजराइल के साथ अब्राहम समझौते के तहत संबंध सामान्य करने का दबाव भी डाला है। प्रिंस ने कहा कि वे समझौतों में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन पहले फलस्तीनी राज्य का स्पष्ट रोडमैप चाहिए। चर्चा के दौरान दोनों परिवारों के कारोबारी संबंधों पर भी सवाल उठे, लेकिन ट्रंप ने कहा कि उनका परिवार के बिजनेस से कोई संबंध नहीं है और वे इससे दूर हो चुके हैं।