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डोनाल्ड ट्रंप ने तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव न लड़ने की पुष्टि की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि वे तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते। उन्होंने इसे 'बहुत बुरा' बताते हुए कानून का हवाला दिया। ट्रंप ने अपनी लोकप्रियता के दावे किए और बताया कि संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता। जानें उनके बयान और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
 

ट्रंप का चुनावी भविष्य


नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वे तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते। उन्होंने इसे 'बहुत बुरा' बताते हुए कानून का उल्लेख किया। यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप अपनी लोकप्रियता और उपलब्धियों का जिक्र करते रहते हैं।


ट्रंप का बयान

दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान रिपोर्टर्स से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "अगर आप कानून को पढ़ें तो यह स्पष्ट है कि मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है। यह बहुत बुरा है।" वे एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) समिट के लिए जा रहे थे।


उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव पर विचार

जब ट्रंप से मंगलवार को 2028 में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कानून उन्हें ऐसा करने की अनुमति देता है, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने इसे 'बहुत चालाकी भरा' बताया और कहा, "लोगों को यह पसंद नहीं आएगा।"


लोकप्रियता के दावे

ट्रंप ने आगे कहा कि उनके पास अब तक के सबसे अच्छे पोल नंबर हैं। वे अपनी दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से अपनी लोकप्रियता का दावा करते रहे हैं। एयर फोर्स वन पर उन्होंने कहा, "मेरे पास सबसे ऊंचे पोल नंबर हैं जो कभी हुए हैं, लेकिन कानून के अनुसार मैं चुनाव नहीं लड़ सकता। अब देखते हैं क्या होता है।"


संविधान की बाधाएं

अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के अनुसार, कोई व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता। यह नियम 1951 में लागू हुआ था। इससे पहले, फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट चार बार राष्ट्रपति चुने गए थे, लेकिन चौथे कार्यकाल में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद दो कार्यकाल की सीमा तय की गई।


यदि ट्रंप तीसरी बार चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें अदालत में कानून को चुनौती देनी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट शायद इसे खारिज कर देगा। ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वे वर्तमान में कानूनी बाधाओं के आगे रुक गए हैं।