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तमिलनाडु में हाई-टेक डेयरी प्लांट का निर्माण अंतिम चरण में

तमिलनाडु के नमक्कल में एक हाई-टेक डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण अंतिम चरण में है, जो 80% पूरा हो चुका है। यह प्लांट 2 लाख लीटर दूध प्रति दिन प्रोसेस करने की क्षमता रखेगा और 15,000 से अधिक डेयरी किसानों को लाभान्वित करेगा। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को आविन दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की विश्वसनीय आपूर्ति मिलेगी। जानें इस परियोजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 

नमक्कल में डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का विकास

तमिलनाडु के नमक्कल में ₹90 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण तेजी से अंतिम चरण में पहुंच रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह परियोजना राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के सहयोग से चल रही है और इसका उद्देश्य नवंबर 2025 तक ट्रायल ऑपरेशन शुरू करना है, जबकि पूर्ण उत्पादन जनवरी 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है।


इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध प्रोसेस करने की होगी, जिससे यह तमिलनाडु की सबसे बड़ी और उन्नत डेयरी सुविधाओं में से एक बन जाएगा। यह पूरी तरह से स्वचालित यूनिट दूध के सभी प्रसंस्करण चरणों को संभालेगी, जिसमें चिलिंग, पाश्चराइजेशन, पैकेजिंग और डिस्पैच शामिल हैं। इससे आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता और गुणवत्ता में सुधार होगा।


परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि सिविल निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और 90 प्रतिशत मशीनरी खरीद ली गई है, जिसमें से 40 प्रतिशत को साइट पर स्थापित किया जा चुका है। शेष कार्य को समय पर पूरा करने के लिए तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। तमिलनाडु सरकार ने इस संयंत्र के निर्माण का कार्य NDDB को सौंपा है।


यह प्लांट 15,000 से अधिक डेयरी किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की उम्मीद करता है, जिससे दूध खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा और समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, यह सुविधा परिवहन, पैकेजिंग, रखरखाव और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में लगभग 1,000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।


उपभोक्ताओं के लिए, यह प्लांट आविन दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की विश्वसनीय आपूर्ति का आश्वासन देता है। नमक्कल और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 4 लाख लोग इस सुविधा से लाभान्वित होंगे, खासकर त्योहारों के दौरान जब मांग अधिक होती है। अधिकारियों का मानना है कि यह प्लांट तमिलनाडु में आधुनिक डेयरी बुनियादी ढांचे का एक आदर्श उदाहरण बनेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य दूध उत्पादकों की आजीविका और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है।