तारिक रहमान की राजनीति में वापसी: बांग्लादेश के चुनावी मैदान में दो सीटों पर करेंगे दावेदारी
बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़
नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने 17 वर्षों के निर्वासन के बाद देश लौटते ही सक्रिय राजनीति में कदम रखा है। ढाका में अपनी वापसी के कुछ ही दिनों बाद, उन्होंने आगामी आम चुनावों में भाग लेने की योजना बना ली है। तारिक रहमान ढाका-17 और बोगरा-6, इन दो महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों से चुनावी दौड़ में शामिल होने जा रहे हैं।
नामांकन प्रक्रिया का समापन
तारिक रहमान ने 27 दिसंबर को मतदान के लिए औपचारिक आवेदन किया और उसी दिन ढाका-17 सीट के लिए अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, बोगरा-6 सीट के लिए भी उनका नामांकन जल्द ही पूरा किया जाएगा। उनकी इस सक्रियता को BNP के लिए नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब पार्टी लंबे समय से सत्ता से बाहर है।
ढाका-17 सीट का राजनीतिक परिदृश्य
ढाका-17 निर्वाचन क्षेत्र पहले अवामी लीग के वरिष्ठ नेता मोहम्मद ए. अराफात का गढ़ माना जाता था। अराफात, जो शेख हसीना की सरकार में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री रह चुके हैं, BNP-जमात गठबंधन के आलोचकों में से एक माने जाते थे। हालाँकि, शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद, अराफात ने अपनी संसदीय सीट और मंत्री पद दोनों खो दिए।
सरकार गिरने के बाद अराफात की स्थिति और भी खराब हो गई। 12 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की वित्तीय खुफिया इकाई ने उनके और उनकी पत्नी के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया। इसके बाद उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें हिंसक प्रदर्शनों से जुड़े आरोप भी शामिल हैं। इस बदले हुए हालात ने ढाका-17 सीट को पूरी तरह से राजनीतिक रूप से खुला बना दिया है, जिसका लाभ तारिक रहमान उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
बोगरा-6: BNP का पारंपरिक क्षेत्र
दूसरी ओर, बोगरा-6 सीट का राजनीतिक इतिहास BNP के पक्ष में रहा है। खालिदा जिया ने कभी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है, जिससे इसका भावनात्मक और राजनीतिक महत्व पार्टी के लिए और बढ़ जाता है। हालाँकि, 2023 के उपचुनाव में अवामी लीग के उम्मीदवार रागेबुल अहसान रिपु ने यहाँ जीत हासिल की थी, जिससे BNP को झटका लगा था।
अवामी लीग नेताओं पर कार्रवाई
हसीना सरकार के पतन के बाद राजनीतिक माहौल तेजी से बदल गया। सत्ता परिवर्तन के लगभग छह महीने बाद, रागेबुल अहसान रिपु को बांग्लादेश की आतंकवाद-रोधी एजेंसी रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर बोगरा जिले के विभिन्न पुलिस थानों में हत्या सहित कुल 13 मामलों में आरोप लगाए गए। गिरफ्तारी के बाद जेल में रहते हुए रिपु को दिल का दौरा पड़ने की खबर भी आई, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया।
BNP के लिए एक सुनहरा अवसर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी और चुनाव लड़ने का निर्णय BNP के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अवामी लीग के कई नेताओं पर चल रही कार्रवाइयों और सत्ता परिवर्तन के बाद बने हालात में BNP खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है।