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तालिबान का विवादित नक्शा: क्या पाकिस्तान के लिए है नई चुनौती?

पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, तालिबान ने 'ग्रेटर अफगानिस्तान' का एक विवादास्पद नक्शा जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान के कई हिस्से शामिल हैं। इस नक्शे के पीछे की जड़ें डूरंड लाइन विवाद में छिपी हैं, जो पहचान और संस्कृति से जुड़ा है। तालिबान के उप गृह मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि युद्ध हुआ, तो वे उसी तरह जवाब देंगे जैसे पहले सोवियत संघ और अमेरिका को हराया था। जानें इस तनाव के पीछे की पूरी कहानी।
 

पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ता तनाव


नई दिल्ली: पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। हाल ही में अफगान तालिबान ने 'ग्रेटर अफगानिस्तान' नामक एक विवादास्पद नक्शा जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान के कई क्षेत्रों को अफगानिस्तान का हिस्सा बताया गया है। इस नक्शे में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और अन्य पश्तून बहुल इलाकों को शामिल किया गया है।


विवाद की जड़ें

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है। डूरंड लाइन, जो 1893 में ब्रिटिश शासन के दौरान निर्धारित की गई थी, दोनों देशों के बीच की सीमा है। तालिबान इस रेखा को कभी भी आधिकारिक सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता।


अफगान सरकार का कहना है कि डूरंड लाइन ने पश्तून जनजातियों को जबरन दो देशों में बांट दिया है, जिससे यह अफगान पहचान के खिलाफ है। हाल के महीनों में इस सीमा क्षेत्र में झड़पों और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं।


खोस्त में विवादित नक्शे का अनावरण

पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में एक कार्यक्रम के दौरान तालिबान के उप गृह मंत्री मोहम्मद नबी ओमारी को यह विवादास्पद नक्शा भेंट किया गया। इस नक्शे में पाकिस्तान के बड़े हिस्से को अफगानिस्तान में शामिल दिखाया गया है। समारोह में इसे 'राष्ट्रीय गौरव' का प्रतीक बताया गया।



यह नक्शा खोस्त तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान के स्नातक समारोह के दौरान पेश किया गया, जहां कई युवा सैन्य वर्दी में उपस्थित थे। कार्यक्रम में तालिबान के झंडे और राष्ट्रवादी नारों की भरमार थी।


तालिबान की पाकिस्तान को चेतावनी

उप गृह मंत्री ओमारी ने अपने भाषण में इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एक और युद्ध थोपा, तो तालिबान उसी तरह जवाब देगा जैसे उसने सोवियत संघ और अमेरिका को हराया था। तालिबान नेताओं ने पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों और अफगान क्षेत्र में दखल का आरोप लगाया है।


खोस्त में आयोजित सैन्य परेड के दौरान अफगान लड़ाकों ने देशभक्ति गीतों पर मार्च किया, जिनमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया गया। एक गीत में कहा गया, 'हम लाहौर में सफेद झंडा फहराएंगे और इस्लामाबाद को जला देंगे।' इस गाने के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों में तनाव और बढ़ गया है।


तालिबान और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दूरी

तालिबान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले से ही खराब चल रहे हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान उसकी सीमा पर सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी संगठनों को पनाह दे रहा है। वहीं, तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।


विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्रेटर अफगानिस्तान का यह नक्शा केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय दबदबा दिखाने की कोशिश है। इससे दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ सकती है और भारत सहित पड़ोसी देशों के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।


अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच यह तनाव इस बात की याद दिलाता है कि डूरंड लाइन का विवाद केवल सीमा का नहीं, बल्कि पहचान, संस्कृति और सत्ता का भी सवाल है, जो फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा।